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मंडी समिति में आढ़ती की गोली लगने से मौत

आढ़ती की मंडी समिति में गोली लगने से मौत हो गई। पुलिस इसे आत्महत्या मान रही है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 09:25 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 09:25 PM (IST)
मंडी समिति में आढ़ती की गोली लगने से मौत
मंडी समिति में आढ़ती की गोली लगने से मौत

शाहजहांपुर : आढ़ती की मंडी समिति में गोली लगने से मौत हो गई। पुलिस इसे आत्महत्या मान रही है, लेकिन परिजनों ने चुप्पी साध रखी है। उन्होंने न तो किसी तरह का शक जताया है और न ही इसे आत्महत्या मान रहे हैं। एडीएम प्रशासन वंदिता श्रीवास्तव व एएसपी सिटी दिनेश त्रिपाठी ने मौका मुआयना कर जांच के निर्देश दिये हैं।

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शहर के आरसी मिशन थाना क्षेत्र के सराय काइयां मुहल्ला निवासी सचिन गुप्ता की रोजा मंडी समिति में आढ़त है। मुहल्ले के ही हरेराम गुप्ता उनके साथ पार्टनर थे। गुरुवार शाम करीब सात बजे मंडी में ही चौराहे पर रतिराम के खोखे पर पान खाने गये थे। वहां से वापस आकर आढ़त के चबूतरा नंबर चार पर पड़े तख्त पर लेट गये। पास में ही दूसरी आढ़त पर आदर्शनगर कालोनी निवासी रामजीत व चौकीदार प्रयागदत्त निवासी थाना मझिला हरदोई मौजूद थे। दोनों ने अचानक गोली चलने की आवाज सुनी। मौके पर पहुंचे तो देखा कि हरेराम का शव तख्त पर पड़ा था। उनके पास में ही 15 बोर का तमंचा था। गोली सिर में लगने के कारण भेजा उड़ गया था। दोनों ने मंडी सचिव संजय ¨सह को सूचना दी। एसडीएम सदर रामजी मिश्र व इंस्पेक्टर डीसी शर्मा वहां पहुंचे। इसके बाद एडीएम प्रशासन व एएससपी सिटी पहुंचे। घटना की सूचना पाकर पहुंचे हरेराम के बेटे शिवम व साले आदर्शनगर कालोनी निवासी संजय गुप्ता का हाल बेहाल था।

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शिवम प्राइवेट फर्म में नौकरी करता है। उसने बताया कि उसके पिता पर किसी की देनदारी नहीं थी। वह किसी तरह के तनाव में नहीं थे। सुबह करीब साढ़े सात वह ड्यूटी जा रहा था। तब पिता अखबार पढ़ रहे थे। तनाव जैसी कोई बात नहीं थी। हरेराम के साले संजय ने भी बताया कि साढ़े नौ बजे वह अपने बहनोई से मंडी के पास मिला था वह पूरी तरह से सामान्य थे।

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हरेराम की पत्नी सुमन व बेटी शीतल को घटना के बारे सूचना नहीं दी गई। हालांकि मुहल्ले वाले वहां पर पहुंचना शुरू हो गये तो शीतल ने कारण भी पूछा, लेकिन किसी ने कुछ नहीं बताया।

देर रात जब इस बारे में बताया गया तो परिवार में कोहराम मच गया।

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सचिन गुप्ता ने बताया कि उन्होंने हरेराम को अपनी फर्म का पूरा काम सौंप रखा था। करीब डेढ़ वर्ष से वह आढ़त का कोई काम नहीं देखते थे। सारा लेन देन हरेराम के जरिये ही होता था। किसी तरह बकाया या कर्ज की उन्हें जानकारी नहीं है।

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प्रथम ²ष्टया मामला आत्महत्या का लग रहा है। लेकिन इसके पीछे की वजह स्पष्ट नहीं हो पा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट व परिजनों के बयान के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।

दिनेश त्रिपाठी, एएसपी सिटी


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