Shahjahanpur: नरम पड़ी सरकार तो सात बंदी हो गए फरार, कोरोना काल में पैरोल पर छोड़े गए थे कैदी; जानें मामला
Shahjahanpur कोरोना संक्रमण काल में जेल में छोटे अपराध में बंद उम्रदराज बंदियों के प्रति सरकार व न्यायालय ने नरमी बरती थी। उस नरमी का फायदा उठाकर सात बंदी फरार हो गए। अब यह बंदी जेल प्रशासन व पुलिस के लिए चिंता का कारण बनते जा रहे है।
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर : कोरोना संक्रमण काल में जेल में छोटे अपराध में बंद उम्रदराज बंदियों के प्रति सरकार व न्यायालय ने नरमी बरती थी। उस नरमी का फायदा उठाकर सात बंदी फरार हो गए। अब यह बंदी जेल प्रशासन व पुलिस के लिए चिंता का कारण बनते जा रहे है। पुलिस इन्हें एक साल बाद भी पकड़ नहीं सकी। वर्ष 2021 में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ गया था।
23 बंदी तय समय सीमा में पहुंचे थे जेल
ऐसे में जेल से 39 बंदियों को संवेदना के आधार पर पैरोल पर छोड़ा गया था। 26 अप्रैल 2022 तक इन सभी को जेल में वापस पहुंचना था। 23 बंदी तो तय समय पर पहुंच गए, लेकिन शेष को वापस लाने के लिए जेल प्रशासन को पुलिस की मदद लेनी पड़ी। इसके बाद भी नौ अन्य बंदी ही वापस लाए जा सके। जबकि सात बंदियों की गिरफ्तारी को लेकर न पुलिस गंभीर है और न ही जेल प्रशासन ने दोबारा सुध ली। फरार चल रहे इन बंदियों की गिरफ्तारी न होने पर अब सुप्रीम कोर्ट ने भी सख्ती शुरू की है। कोरोना संक्रमण में छोड़े गए शतप्रतिशत बंदियों को 15 दिन के अंदर जेल में वापस लाने के दिए गए हैं
क्षमता से कई गुणा अधिक है बंदी
शाहजहांपुर जेल में 511 बंदियों को रखने की क्षमता है। लेकिन यहां क्षमता से कई गुणा अधिक 1500 के करीब बंदी रह रहे है। ऐसे में संक्रमण काल में सात साल से कम सजा में बंद ऐसे बंदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था जिनकी उम्र अधिक थी। ताकि उनके स्वास्थ्य का घर में ठीक से ध्यान रखा जा सके।
कोरोना संक्रमण में जो बंदी न्यायालय के आदेश पर छोड़े गए थे उसमे सात बंदी वापस नहीं है। उनकी गिरफ्तारी के लिए एसपी को पत्र भेजा जा चुका है।
- राजेश कुमार राय, जेलर
जो बंदी वापस जेल में हाजिर नहीं हुए हैं उनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। जल्द सभी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
- संजीव कुमार वाजपेयी, कार्यवाहक एसपी