राम सीता के विवाह का प्रसंग सुन हुए भाव विभोर
शाहजहांपुर : तिलहर के बंथरा गांव में चल रही रामकथा के चौथे दिन कथा वाचक पंडित योगेश
शाहजहांपुर : तिलहर के बंथरा गांव में चल रही रामकथा के चौथे दिन कथा वाचक पंडित योगेश कुमार दीक्षित ने भगवान राम व सीता के विवाह का प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि रामकथा अतीत की घटनाओं पर आधारित वर्तमान का दर्पण है।
गांव के मंदिर में चल रही कथा में योगेश दीक्षित ने बताया जनकपुर में धनुष टूटने की आवाज सुनकर भगवान परशुराम महेंद्र गिरी पर्वत से जनकपुर पहुंचे। उन्हें देख वहां मौजूद सभी राजा प्रणाम कर क्षमा मांगने लगे। भगवान राम ने कहा कि हे ईश्वर धनुष को तोड़ने वाला आपका दास ही होगा, लेकिन परशुराम ने कहा कि धनुष को तोड़ने वाला दास नहीं बल्कि सहस्त्रबाहु के समान मेरा शत्रु है। उसके बाद लक्ष्मण व परशुराम में संवाद हुआ। जिसके बाद परशुराम का किसी तरह क्रोध शांत हुआ। उन्होंने बताया कि किस प्रकार बरात अयोध्या से जनकपुर में गई और राम को जनकपुर में दूल्हा बनाया गया। द्वारचार की बेला पर समस्त देवी देवता अपने-अपने विमानों पर आए। महाराजा जनक ने बरातियों का स्वागत सत्कार किया। उसके बाद चारों भाइयों का विवाह जनकपुर में ही हुआ। कथा के दौरान अमर ¨सह, राजेश्वर ¨सह, महेश्वर ¨सह, श्रीपाल ¨सह, धनवीर ¨सह, भूपेंद्र ¨सह, आर्येंद्र, माधव, वैभव, जीवेश, श्रुति आदि मौजूद रहे।