स्कूल संचालकों की उदासी से ढीला पड़ा खसरा और रूबेला अभियान
बच्चों को भविष्य में खसरा और अन्य बीमारियों के खतरे से बचाने के लिए सरकार अभियान चला रही है।
शाहजहांपुर : बच्चों को भविष्य में खसरा और अन्य बीमारियों के खतरे से बचाने के लिए सरकार करीब एक माह से अभियान चला रही है। हर स्कूल में बच्चों को रूबेला, खसरा के टीके लगवाने पर जोर दे रही है। स्कूल संचालकों की सुस्ती से पूरी कवायद ही ढीली पड़ गई। नौबत यहां तक पहुंची कि स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग को स्कूल संचालकों की बैठक बुलाकर सख्त निर्देश जारी कराने पड़े। हर बच्चे का टीकाकरण न होने पर संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दे डाली है।
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से खसरा और रूबेला को जड़ से मिटाने के लिए जिले में दिसंबर से टीकाकरण अभियान शुरू किया गया। तमाम प्रचार और प्रसार भी किया। टीकाकरण के दौरान कुछ बच्चों की अलग-अलग कारणों से तबीयत बिगड़ने की वजह से अभिभावक ही नहीं, स्कूल संचालक तक मुहिम से पीछे हटने लगे। इससे अभियान को बड़ा झटका लगा। ऐसे करीब दस स्कूल हैं। इनके संचालकों की बैठक बुलाकर स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने निर्देश दिए कि हर हाल में सभी बच्चों के टीका लगना जरूरी है। कार्रवाई की चेतावनी मिलने पर संचालक सहयोग करने को राजी हुए। अभिभावकों को जागरूक और प्रोत्साहित करने कर बच्चों का टीकाकरण कराने का भरोसा दिया।
सहयोग नहीं मिलने की वजह से बढ़ाया समय
टीकाकरण अभियान 10 जनवरी को खत्म होना था। कार्यक्रम समय से पूरा होने की स्थिति न होने पर अवधि 15 जनवरी तक बढ़ा दी गई है। फिर अगर अभियान पूरा नहीं हो पाता है तो जब तक सभी के टीके नहीं लग जाते तब तक चलता रहेगा।
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11.47 : लाख बच्चों के टीकाकरण का है लक्ष्य
07 : लाख बच्चों का ही हुआ टीकाकरण
63 : प्रतिशत बच्चे हो सके हैं सुरक्षित वर्जन-
फोटो: 7 एसएचएन: 1
जो स्कूल टीकाकरण नहीं करवा रहे हैं उनके प्रधानाचार्य और संचालकों की बैठक कर निर्देश दिए हैं। जो स्कूल ऐसा नहीं करेगा, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-राकेश कुमार, बीएसए/प्रभारी डीआइओएस
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वर्जन-
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जिन स्कूलों में टीकाकरण अभियान नहीं चलाया गया है, उनके संचालकों को निर्देश दिए हैं। उन्हें अभिभावकों की मी¨टग बुलाकर जागरूक करके टीकाकरण अभियान पूरा करवाने को कहा है।
-डॉ. आरपी रावत, सीएमओ