कंबाइन के साथ चलाना होगा भूसा बनाने वाला रीपर
पूरनपुर : फसलों को काटने के बाद खेत में बचे अवशेषों को किसान जला देते हैं। इससे अग्निकांड
पूरनपुर : फसलों को काटने के बाद खेत में बचे अवशेषों को किसान जला देते हैं। इससे अग्निकांड की आशंका बनी रहनी के साथ आग से खेत की उर्वरा शक्ति भी क्षीण हो जाती है। कंबाइन से गेहूं की फसल काटे जाने के साथ उसके पीछे नरई का भूसा बनाने के निर्देश दिए गए हैं। बिना रीपर गेहूं की कटाई करने वाले कंबाइन स्वामी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
गन्ना, गेहूं धान आदि फसलों को काटने के बाद इनके अवशेष आदि खेतों में रह जाते हैं। उपयोगी अवशेषों को किसान काम ले लेता है शेष बची नरई आदि को वह जला देता है। इससे आग से अन्य फसलों के जलने के साथ ही भीषण अग्निकांड भी घटित हो जाते हैं। इसके साथ आग से खेतों में मौजूद तत्व और उर्वरा शक्ति नष्ट होने के साथ ही सूक्ष्म जीवाणु नष्ट हो जाते हैं। इससे आगामी फसलों पर भी प्रभाव पड़ता है। हालांकि गेहूं की नरई का किसान भूसा बना लेते है लेकिन कंबाइन से फसल काटने के कई दिनों तक नरई खेतों में खड़ी रहती है जिससे आग लगने की अधिक संभावना बनी रहती है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण के तहत कंबाइन स्वामियों को निर्देश देते हुए कहा है कि फसल की कटाई के समय कंबाइन के पीछे रीपर चलाया जाना आवश्यक है। इससे बची नरई का भूसा बनने के बाद उस खेत में आग लगने की आशंका कम हो जाती है। खेतों में अवशेषों के जलाने पर दोषी व्यक्ति से दो एकड़ से कम जगह होने पर 2500 रूपए अर्थदंड प्रति घटना एवं दो एकड़ से अधिक जगह होने पर 15000 रूपए प्रतिघटना के अनुसार लिया जाएगा। राजकीय कृषि बीज भंडार पर किसानों से अवशेष न जलाने के लिए संदेश अंकित किया गया है।