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ओडीएफ को आइना दिखा रहे निष्प्रयोज्य शौचालय

स्वछ भारत मिशन का मकसद भी अछा है। इसे प्रभावी बनाने के प्रयास भी खूब हुए। परिणाम भी सकारात्मक रहा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Oct 2019 11:23 PM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 08:15 AM (IST)
ओडीएफ को आइना दिखा रहे निष्प्रयोज्य शौचालय

जेएनएन, शाहजहांपुर : स्वच्छ भारत मिशन का मकसद भी अच्छा है। इसे प्रभावी बनाने के प्रयास भी खूब हुए। परिणाम भी सकारात्मक रहा। लेकिन तमाम गांव और ग्रामीण खुले में शौच की गुलामी से मुक्ति नहीं पा सके। शुक्रवार को ओडीएफ व शौचालय के रियलिटी चेक में इसकी बानगी दिखी। कटरी से लेकर सदर तहसील के विकसित गांवों में शौच और शौचालय की कागजी व धरातलीय स्थिति में अंतर दिखाई दिया। हालांकि प्रशासन अभी हार नहीं मान रहा। बेस लाइन सर्वे के तहत प्रशासन गांवों को ओडीएफ मान रहा है, लेकिन खुले में शौच से मुक्ति के लिए अधिकारी भी सतत प्रयास की जरूरत को मान रहे हैं। धर्मपुर सथरा की स्थिति बदतर, रुकनपुर की बेहतर

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संवाद सहयोगी कलान : विकासखंड कलान की ग्राम पंचायत धर्मपुर सथरा व रुकनपुर में सुबह सात से दोपहर के बीच जागरण टीम ने ओडीएफ का रियलिटी चेक किया। धर्मपुर में ग्राम पंचायत में 303 शौचालय बने हैं। इनमें आधे से जज्यादा निष्प्रयोज्य है। ग्राम पंचायत में सफाई भी नहीं मिली। सुबह के समय ही अधिकांश शौचालय बंद थे। लोग पानी लेकर खुले में शौच को आते मिले। आदतन ग्रामीणों ने यहां भी प्रधान को ही निशाने पर लिया। राजनीतिक द्वेष में पक्षपात का आरोप लगाया, कहा कि चहेतों को शौचालय दे दिए गए, पात्रों को नहीं। इस कारण उन सबको खुले में शौच को जाना पड़ता है। कई अपात्र भी शौचालय पा गए। यहां खेतों में शौचालय बने मिले। लेकिन सभी निष्प्रयोज्य थे। ग्रामीणों ने भी बताया कि शौचालय के बजाय खेत में शौच को लोग जाते हैं।

इनकी भी सुनिए

प्रधान को कई बार कागजात देने के बाद भी शौचालय मंजूर नहीं हुआ। इस कारण खेत में शौच को मजबूर होना पड़ रहा।

सलीम धर्मपुर मैने शौचालय को तमाम मिन्नत की। प्रधान को कागज भी दिए। उन लोगाों को शौचालय बन गए तो प्रयोग भी नहीं करते।

नसीर, धर्मपुर हमें शौचालय की सख्त जरूरत है। लेकिन शौचालय नहीं मिला। शौचालय में भी पक्षपात किया जा रहा।

राम दुलारी धर्मपुर बेसलाइन शून्य है। पात्रों को ही शौचालय दिए गए हैं। शेष को यूनिवर्सल सैनिटेशन कवरेज में शौचालय दिलाए जाएंगे।

सुभाष चंद्र , ग्राम प्रधान रुकनपुर में शौचालयों का सौ फीसद सदुपयोग

कटरी की ही ग्राम पंचायत रुकनपुर में उलट स्थिति मिली। यहां बने 344 शौचालयों में सभी का प्रयोग मिला। सुबह के समय कोई बाहर शौच जाते भी नहीं मिला। ग्राम पंचायत में बनवाए गए शौचालयों की साफ सफाई भी बेहतर थी। कलान कस्बे के नजदीक होने की वजह से भी अपेक्षाकृत यहां के नागरिक जागरूक दिखे। वह खुले में शौच को नहीं जाते नहीं मिले। महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। बोली कि पांच वर्ष पूर्व तक अधिकांश गांव खुले में शौच को मजबूर था। स्वच्छा भारत मिशन में शौचालय बनने से अब पूरा गांव शौचालय का ही प्रयोग करता है। शौचालय बनने से बड़ी राहत मिली। गांव भी स्वच्छ है। यह सब मोदी की देन है। उन्होंने धरातलीय स्थिति को समझा।

सीमा, रुकनपुर पहले कुछ लोग शौचालय का प्रयोग करने में संकोच करते थे। अब देखादेखी सभी शौचालय में ही शौच को जाते हैं। नमिता, रुकनपुर दो चरणों में गांव में 344 शौचालय बने। सभी का प्रयोग हो रहा है। बेसलाइन सर्वे शून्य है। कुछ लोगों को यूनिवर्सल सैनिटेशन कवरेज में लाभान्वित किया जाएगा।

सोनी गुप्ता, प्रधान फैक्ट फाइल

- 2012 के बेस लाइन सर्वे के आधार पर बने शौचालय

- 260147 शौचालय का प्रथम चरण में निर्माण

- 82176 शौचालय द्वितीय चरण में एलओबी के तहत बने

- 54 हजार शौचालय यूनिवर्सल सैनिटेशन कवरेज के तहत प्रस्तावित

- 1077 ग्राम पंचायत खुले में शौच से मुक्त घोषित यहां दूर नहीं हुई खुले में शौच मुक्ति को मानसिक गुलामी

संवाद सहयोगी रोजा : जिला की वीआइपी ब्लाक का गांव जिला मुख्यालय से मात्र दस किमी दूर है। यह गांव ओडीएफ भी घोषित हो चुका है। लेकिन 10 से 15 फीसद लोग वर्तमान में भी खुले को जा रहे हैं। सुबह छह से सात बजे के बीच ही पांच लोग बाहर शौच को जाते मिले। इंदिरा आवास के लाभार्थी शौचालय से वंचित

जहांनपुर गांव में 922 की आबादी है। 115 आवास, 125 शौचालय बने हैं। 226 महिला व 272 पुरुष वोटर वाले इस गांव में 2005 में इंदिरा आवास के साथ शौचालय निर्माण प्रस्तावित था। लोगों ने आवास का तो निर्माण करा लिया, लेकिन शौचालय नहीं बनवाए। बेस लाइन सर्वे में इन्हें पहले से शौचालय का लाभार्थी मानते हुए स्वच्छ भारत मिशन में शौचालय का अपात्र माना गया। नतीजतन इंदिरा आवास के लाभाíथयों को खुले में शौच को मजबूर होना पड़ रहा है। सुजातपुर में भी ओडीएफ को आइना दिखा रहे शौचालय

भावलखेड़ा ब्लाक के सुजातपुर में सवा तीन सौ परिवार में गत चार वर्षों में 142 शौचालय बने। अधिकतर लोगों ने घर में स्वत: ही शौचालय का निर्माण कराया। प्रशासन ने स्वच्छता के लिए निगरानी समिति गठिति की। सुबह समिति के लोगों ने खुले में शौच जाने वाले लोगों को समझाया भी, लेकिन यहां भी 10 से 15 फीसद लोगों खुले में शौच की मानसिक गुलामी से मुक्ति नहीं पा सके। नतीजतन प्रशासन का प्रयास सौ फीसद सफल नहीं हो सका। फैक्ट फाइल सुतापुर

जनसंख्या -2300

मकान - 125

शौचालय - 142

परिवार - 325

वोटर - 1198

महिला वोटर - 539

पुरुष वोटर - 649

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वर्जन: 2012 के बेसलाइन सर्वे के आधार पर शौचालयों का निर्माण हुआ। प्रथम चरण में 2.60 लाख शौचालय बने। दूसरे चरण में एलओबी के तहत 82 हजार शौचालय बनाए गए। दो चरणों में कुल 3.42 लाख शौचालय बन चुके हैं। अब यूनिवर्सल सैनिटेशन कवरेज के तहत प्रस्तावित 54 हजार शौचालय प्रस्तावित है। रिचेकिग के बाद पात्रों को लाभान्वित किया जाएगा।

महेंद्र सिंह तंवर, मुख्य विकास अधिकारी


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