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रामगंगा और गर्रा खतरे के निशान पर, गंगा हुई पार

पहाड़ों पर हुई बारिश के बाद बांधों से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण प्रमुख नदियां का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। गंगा खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई हैं। जबकि रामगंगा व गर्रा खतरे के निशान के पास बह रही हैं। हालांकि प्रशासन स्थिति नियंत्रण में होने का दावा कर रहा है लेकिन तिलहर व जलालाबाद तहसील क्षेत्र के कुछ गांवों में स्थिति ज्यादा गंभीर बनी हुई है

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 01:13 AM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 01:13 AM (IST)
रामगंगा और गर्रा खतरे के निशान पर, गंगा हुई पार

जेएनएन, शाहजहांपुर : पहाड़ों पर हुई बारिश के बाद बांधों से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण प्रमुख नदियां का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। गंगा खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई हैं। जबकि रामगंगा व गर्रा खतरे के निशान के पास बह रही हैं। हालांकि प्रशासन स्थिति नियंत्रण में होने का दावा कर रहा है, लेकिन तिलहर व जलालाबाद तहसील क्षेत्र के कुछ गांवों में स्थिति ज्यादा गंभीर बनी हुई है।

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नरौरा बांध से गंगा में 2.23 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। शुक्रवार को नदी का जलस्तर खतरे के निशान 76 सेमीमीटर पर पहुंच गया था। इसी तरह रामगंगा में एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। यहां चौबरी घाट पर जल स्तर 21 सेमी. ऊपर पहुंच यानी 161.50 से 161.71 पर पहुंच गया। गर्रा नदी पर 19 हजार 433 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। यहां देर रात तक नदी खतरे के निशान के पास 148 मीटर पर पहुंच गई। नदियों में छोड़े गए पानी का प्रभाव अगले एक से दो दिन में दिखेगा, जिससे जलस्तर में और ज्यादा इजाफा होने की संभावना है। ऐसे में अगर बांधों से डिस्चार्ज न घटा तो स्थिति ज्यादा गंभीर हो सकती है। हालांकि प्रशासन का दावा है कि सभी नदियों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। सभी जगह हालात भी अभी पूरी तरह से नियंत्रण में बताए जा रहे हैं। टापू बन गए घर

खन्नौत नदी में भी पानी चौबीस घंटे के दौरान बढ़ा है। लोदीपुर के डूब क्षेत्र में बने घर टापू बन गए हैं। जिस कारण इनमें रहने वाले अधिकांश लोग अपने रिश्तेदारों के घर चले गए हैं।गर्रा नदी के किनारे मकान रिहाइशी इलाकों में भी यही स्थिति बनी हुई है। जो जलस्तर बढ़ रहा है वह पूर्व में छोड़े गए पानी के कारण है। अब बांधों से छोड़े जाने वाले पानी में कमी आई है। जिससे लग रहा है कि स्थिति दो से तीन दिन में सामान्य होने लगेगी। अब तक स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।

गिरिजेश चौधरी, एडीएम वित्त एवं राजस्व


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