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सियासत की पटरी पर यात्रियों की उम्मीदें डिरेल

जहां ए ग्रेड रेलवे स्टेशन हो। यात्री टिकट और माल भाड़ा को मिलाकर मंडल में सबसे ज्यादा आय देने वाला जंक्शन हो।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 12:39 AM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 06:06 AM (IST)
सियासत की पटरी पर यात्रियों की उम्मीदें डिरेल
सियासत की पटरी पर यात्रियों की उम्मीदें डिरेल

जेएनएन, शाहजहांपुर : जहां ए ग्रेड रेलवे स्टेशन हो। यात्री टिकट और माल भाड़ा को मिलाकर मंडल में सबसे ज्यादा आय देने वाला जंक्शन हो। ऐसे जिले के लोग बेहतर रेल सेवाओं के लिए तरस रहे हों। उन्हें वह सुविधाएं न मिल पा रही हों जिसके हकदार हैं तो इसे जनप्रतिनिधियों की लापरवाही ही कहेंगे। हर चुनाव में इनको मुद्दा बनाया गया। भाषणों में प्रत्याशियों ने हर बार जिक्र किया, पर हुआ कुछ नहीं। न तो चुनाव के बाद माननीयों ने इधर कोई ध्यान दिया और न ही अन्य नेताओं ने कभी इस पर आवाज उठायी। हालांकि पिछले पांच वर्षों में स्टेशन के सुंदरीकरण के अलावा कुछ अन्य कार्य भी हुए। दिल्ली-लखनऊ एसी स्पेशल के अलावा ट्रेनों के स्टापेज किये गये, पर पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है।

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रेलवे स्टेशन की दक्षिण दिशा में मालगोदाम है। शहर की 80 फीसद आबादी इसी ओर रहती है। मालगोदाम की ओर टिकट खिड़की शुरू करने की मांग लंबे समय से हो रही है, पर कोई सुन नहीं रहा। मालगोदाम पर प्लेटफार्म जरूर बना दिया गया, लेकिन उस तरफ कोई ट्रेन नहीं आती। स्वचालित सीढि़यों व लिफ्ट का काम शुरू नहीं हो सका है। प्लेटफार्म नंबर चार व पांच पर टीनशेड नहीं है। जिस कारण गर्मी व बारिश में इन प्लेटफार्म पर उतरने वाले यात्री परेशान होते हैं। ओवरब्रिज का विस्तार कर इसे प्लेटफार्म के बाहर उतारने की मांग लंबे अरसे से हो रही है।

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तिलहर :

तिलहर के लोग यहां के स्टेशन पर गुवाहटी, त्रिवेणी व जनता एक्सप्रेस जैसी कुछ ट्रेनों के स्टापेज की मांग काफी समय से कर रहे हैं। जिसको लेकर आंदोलन भी हुए, पर नतीजा शून्य रहा। प्लेटफार्म एक से तीन तक ही ओवरब्रिज है। ऐसे में लोगों को बाहर निकलने के लिए पटरी क्रॉस कर जान जोखिम में डालनी पड़ती है। नगर की आधी से ज्यादा आबादी इसी दिशा में है इसलिए लोग ऐसा करने को मजबूर हैं।

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रोजा :

सबसे ज्यादा आय देने वाले जंक्शन के प्लेटफार्म तीन व दो नंबर पर टीनशेड आधा पड़ा है। ट्रेनों के ठहराव ज्यादा हैं, लेकिन नलों की संख्या कम होने के कारण पानी के लिए यात्रियों में मारामारी मचती है। कई नलों की टोटियां गायब हैं। पंखे पर्याप्त संख्या में नहीं लगे हैं। रेलवे की साइडिग पर पूरा प्लेटफार्म नहीं है। जिस कारण पांच से छह वैगन बाहर ही रह जाते हैं। माल कच्चे में उतारना पड़ता है। कई बार जलभराव य बारिश में अनाज खराब हो जाता है।

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शाहजहांपुर स्टेशन की स्थिति :

- 72 ट्रेनें अप व डाउन लाइन से गुजरती हैं।

- 52 हजार यात्री रोजाना करते हैं यहां से सफर।

- 14 हजार 500 रिजर्वेशन महीने में होते हैं।


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