गरीब बेटियों को टीचर व बच्चों को सैन्य अफसर का प्रशिक्षण
ब्रिगेडियर गुरु¨वदर ¨सह सहोता ने नारी सशक्तीकरण व सुशिक्षा की मिसाल पेश की।
शाहजहांपुर : ब्रिगेडियर गुरु¨वदर ¨सह सहोता ने नारी सशक्तीकरण व सुशिक्षा की मिसाल पेश की है। छावनी के गैरिसन स्कूल में उन्होंने जवानों के बच्चों को सैन्य स्कूल में दाखिले के लिए को¨चग शुरू दिलाई। पांच जनवरी को परीक्षा के बाद अब इस सरोकार आगे भी जारी रहने का संकल्प लिया। कैंट क्षेत्र के गांवों की तीन गरीब बेटियों को एनटीटी प्रशिक्षण के लिए चयनित कर उनका सेना की ओर से खर्च भी उठाने का क्रम शुरू किया है।
पूर्व सैनिक दिवस पर ब्रिगेडियर गुरु¨वदर ¨सह सहोता ने सेना की ओर से शुरू किए गए सामाजिक कार्यो की चर्चा की। बताया कि फरवरी में सैन्य स्कूल प्रवेश परीक्षा का परिणाम आएगा। उम्मीद है कि शहीद नगरी के बच्चे सलेक्ट होंगे। उन्होंने बताया कि भविष्य में भी को¨चग का क्रम चलेगा। ताकि मेधावी बच्चों को सेना में अफसर बनने का मौका मिल सके।
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लकड़ी बीनने आई थी लड़कियां, अब बनेगी टीचर
ब्रिगेडियर सहोता ने बताया कि मऊ कैंट समेत पड़ोसी गांव की लड़कियां जलौनी लकड़ी के लिए दीवार फांदकर कैंपस में आ जाती थी। जब उन्हें यह पता चला को लड़कियों के लिए गेट खुलवा दिया। गांव का सर्वे कराकर बेटियों को पढ़ाई के लिए प्रेरित किया। एक दिव्यांग समेत तीन बेटियों को नर्सरी टीचर्स ट्रे¨नग के लिए सेलेक्ट कर लिया। ब्रिगेडियर ने बताया कि तीनो बेटियों को जॉब दिलाकर आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है।
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शहीद पति के चित्र के साथ ब्रिगेडियर से मिली पुष्पा
निगोही क्षेत्र के गांव करौंदा निवासी वीर नारी पुष्पा देवी ने ब्रिगेडियर से भेंट की। वर्ष 2005 में कुपवाड़ा में शहीद पति की फोटो दिखाते हुए उनसे मदद की गुहार की। बताया कि उन्हें प्रशासन की ओर से दिया गया पट्टा अभी तक नहीं मिला। अन्य कोई स्थाई सुविधाएं भी नहीं मिली। गांव में उनके पति के सम्मान में कोई पार्क भी बनाया गया। ब्रिगेडियर से जिलाधिकारी से वार्ता कर मदद का आश्वासन दिया।