'गज फुट इंच' नाटक ने दर्शकों को गुदगुदाया
उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की ओर से सम्भागीय नाट्य समारोह में पहले दिन कामायनी नाट्य संस्था की ओर से गज फुट इंच नाटक का मंचन किया गया।
जेएनएन, शाहजहांपुर : उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की ओर से सम्भागीय नाट्य समारोह में पहले दिन कामायनी नाट्य संस्था की ओर से 'गज फुट इंच' नाटक का मंचन किया गया। नाटक के मंचन ने दर्शकों को खूब गुदगुदाया।
गांधी भवन प्रेक्षागृह में बुधवार शाम केपी सक्सेना के लिखे गए नाटक 'गज फुट इंच' में दिखाया गया कि आधुनिक युवक में जब कुछ डिजिटल हो गया है। नाटक का मुख्य पात्र टिल्लू आज भी अपना हिसाब किताब गज फुट में लगता है। यह उसका पिछड़ापन नहीं वरन उसकी सादगी है। आज वास्तविकता में सीधे-सच्चे लोग बेवकूफ माने जाते हैं। टिल्लू भी एक सीधा सादा इंसान है। जिसकी बात बरबस हंसी आती है लेकिन नाटा की मुख्य नायिका जुगनी उसके अंदर के इंसान को पढ़ लेती है और काफी नाटकीयता व हास्यपद स्थिति के पश्चात अंत में जुगनी और टिल्लू की शादी तय हो जाती है। टिल्लू बाद में यह संदेश जनता को देता है कि आजकल की इस भागदौड़ की जिदगी में हंसने के कुछ पल निकले जा सकते है। हंसना बहुत बड़ी कला है लेकिन रुलाने के लिए किसी को एक थप्पड़ मार दो। हंसाने के लिए खुद थप्पड़ मारना पड़ता है। अनुपम बिसरिया ने नाटक का निर्देशन किया और सेठ पोखनमल, हरीश बडोला ने साईंदास, सुनील दीक्षित ने टिल्लू, आशुतोष जयसवाल ने युवक, नीरा सिन्हा वर्षा ने मां, रत्ना ओझा ने जुगनी व तान्या अरोड़ा की भूमिका गुल्लो ने निभाई।