सीमा विवाद में उलझे रहे दोनों जिलों के वन अधिकारी
शारदा नहर में बाघ का शव मिलने के बाद पीलीभीत व शाहजहांपुर वन विभाग के अधिकारियों के बीच काफी देर तक सीमा विवाद चलता रहा।
जेएनएन, बंडा : शारदा नहर में बाघ का शव मिलने के बाद पीलीभीत व शाहजहांपुर वन विभाग के अधिकारियों के बीच काफी देर तक सीमा विवाद चलता रहा। अंत में शाहजहांपुर वन विभाग की टीम ने शव को बाहर निकलवाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
दरअसल पहले पीलीभीत क्षेत्र के दुरिया पुल के पास शव देखे जाने की सूचना वहां के रेंजर को दी गई थी। लेकिन समय से न पहुंच पाने की वजह से शव करीब तीन किमी आगे तक उतराता चला आया था। जब नवीनगर पुल के पास शव को नहर से बाहर निकाल लिया गया तो पीलीभीत जनपद के एसडीओ प्रवीण खरे भी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए थे। पोस्टमार्टम कराने को लेकर दोनों जनपदों के अधिकारियों के बीच काफी देर तक बहस होती रही। आखिरी में वन विभाग के एसडीओ महेंद्र नारायण, रेंजर देवेंद्र सिंह यादव व वन दारोगा संजीव कुमार ने ग्रामीणों की मदद से शव को बाहर निकलवाया। इसके बाद घटना का सच जानने के लिए शव को केंद्रीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान बरेली पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। एक साल पहले भी मिला था शव
नवीनगर पुल से कुछ दूरी पर एक साल पहले भी बाघ का शव मिला था। मामले की ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी थी। वर्जन
चोट के निशान तो कहीं नजर नहीं आए है। शव एक-दो दिन पुराना प्रतीत हो रहा है। मामले की पड़ताल की जा रही है।
देवेंद्र सिंह, वन रेंजर ग्रामीणों की सूचना पर टीम को मौके पर भेजा गया था। शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। उसके बाद ही मौत की वजह स्पष्ट हो सकेगी।
आदर्श कुमार, डीएफओ