माननीयों ने खोला अफसरों का चिट्ठा
केंद्र व प्रदेश सरकार भले ही योजनाओं में अफसर पलीता लगा रहे हैं।
शाहजहांपुर : केंद्र व प्रदेश सरकार भले ही योजनाओं में अफसर पलीता लगा रहे हैं। न तो सर्व शिक्षा अभियान के तहत ड्रेस किताबों का सही से वितरण हो रहा है न ही पात्रों को आवास मिल रहे हैें। बार-बार निर्देश दिये जाने के बाद भी अफसर जनप्रतिनिधियों की सुनने को तैयार नहीं हैं। शनिवार को विकास भवन सभागार में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक हुई तो उसमें जनप्रतिनिधियों ने अधिकारियों का चिट्ठा सामने रखा। बीएसए के खिलाफ अनियमितताएं मिलने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने की शिकायत भी की, जिस पर मंत्री ने नाराजगी जताते हुए डीएम से इन सभी मामलों में जांच कराकर दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिये।
बैठक में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री ने कहने के बाद भी मनरेगा जॉब कार्डधारकों की ब्लाकवार सूची माननीयों को उपलब्ध नहीं करायी गई, जो गलत है। जनप्रतिनिधियों ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण अजीविका मिशन के तहत सीएचसी व पीएचसी पर महिला स्वयं सहायता समूहों की ओर से संचालित कैंटीन का संचालन पुरुष कर रहे हैं। जिस पर मंत्री ने सीएमओ को महिलाओें से ही संचालन कराने के निर्देश दिये। जनप्रतिनिधियों द्वारा बताया गया कि गढि़या रंगीन, नवादा दरोबस्त आदि स्थानों पर सड़कों की स्थिति सही नहीं है। प्रधानमंत्री ग्रामीण व शहरी आवास योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को योजना का लाभ दिया जा रहा है। कुछ जनप्रतिनिधियों ने बताया कि जिनके पति जीवित हैं, उनको विधवा पेंशन दी जा रही है, जिस पर मंत्री ने डीएम से जांच कराने को कहा।
बीएसए की सबसे ज्यादा शिकायतें
जनप्रतिनिधियों ने बताया कि बीएसए काम में रुचि नहीं ले रहे हैं। निश्शुल्क किताबें, ड्रेस, बैग, जूते, मोजे आदि के वितरण में गंभीर अनियमितताएं हैं, लेकिन अब तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिस पर मंत्री ने कार्रवाई के लिए कहा। उन्होंने सीएमओ को बुखार से बचाव के लिए कदम उठाने, व केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ देने के निर्देश दिये।
डीएम ने मांगे दस-दस बेड
डीएम अमृत त्रिपाठी ने केंद्रीय राज्यमंत्री व सभी विधायकों से अपनी निधि से 10-10 बेड देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि मरीजों की संख्या बढ़ रही है, अगर बेड मिल जाएंगे तो मरीजों को भर्ती करने में असुविधा नहीं होगी। इस दौरान संबंधित अधिकारी मौजूद रहेंगे।