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ईरान, यमन व भूटान की मिठास बढ़ा रहे जिले के किसान

विदेशों में चाय पर चर्चा हो या घरेलू डिनर पार्टी। शाहजहांपुर के किसानों की मेहनत व माटी की सोंधी महक उनके स्वाद को और बढ़ा देती है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 11:35 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 11:35 PM (IST)
ईरान, यमन व भूटान की मिठास बढ़ा रहे जिले के किसान
ईरान, यमन व भूटान की मिठास बढ़ा रहे जिले के किसान

नरेंद्र यादव, शाहजहांपुर : विदेशों में चाय पर चर्चा हो या घरेलू डिनर पार्टी। शाहजहांपुर के किसानों की मेहनत व माटी की सोंधी महक उनके स्वाद को और बढ़ा देती है। दो साल के भीतर नेपाल, भूटान के साथ यमन, इंडोनेशिया और ईरान के लिए शाहजहांपुर से चीनी निर्यात को बढ़ावा मिला है। इस वर्ष जनवरी, फरवरी में करीब सवा छह लाख क्विंटल चीनी का निर्यात किया गया। लॉकडाउन में निगोही चीनी मिल ने मित्र देश नेपाल को 12 हजार क्विंटल चीनी निर्यात कर संबंधों को मजबूत किया। सरकार के प्रोत्साहन के बाद प्रदेश की करीब तीन दर्जन चीनी मिलों ने कच्ची शुगर का निर्यात शुरू कर दिया।

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सल्फरलेस चीनी की विदेशों में सर्वाधिक मांग

विदेशों में सल्फरलेस रिफाइंड चीनी की सर्वाधिक डिमांड है। यही वजह है कि यूपी से कच्ची शकर का आयात कर विदेशी कंपनियां रिफाइंड चीनी बनाकर बेचती हैं। शाहजहांपुर की निगोही चीनी मिल ने नब्ज को परखा। 2017 में सल्फरलेस रिफाइंड चीनी का उत्पादन शुरू किया। इससे कैडबरी, नेस्ले, जायडस सरीखी दर्जनों संस्थागत कंपनियों में खपत के साथ विदेशों में मांग बढ़ी। इसी वर्ष निगोही ने इंडोनेशिया, यमन, भूटान तथा नेपाल को 4.79 लाख क्विंटल रिफाइंड चीनी का निर्यात कर विदेशी मुद्रा कमाई।

रोजा, पुवायां ने कच्ची शकर का निर्यात

जिले की सबसे पुरानी चीनी मिल रोजा शुगर व‌र्क्स ने ईरान को 1.56 लाख क्विटल तथा सहकारी चीनी मिल पुवायां ने 55 हजार क्विटल कच्ची चीनी का निर्यात किया। डालमियां, डीएससीएल, त्रिवेणी, उत्तम, बलरामपुर समेत बड़े औद्योगिक घरानों से भी चीनी का बड़ी मात्रा में निर्यात कर किसानों को सहूलियत दी जा रही है। फैक्ट फाइल

- 47.70 लाख गन्ना किसान यूपी में 1.97 लाख शाहजहांपुर में

- 27.50 लाख हेक्टेयर यूपी तथा 1.02 लाख हेक्टेयर जिले में होती गन्ना खेती

- 124 करोड़ क्विंटल प्रदेश में तथा 42 लाख क्विंटल शाहजहांपुर में चीनी उत्पादन घरेलू बाजार में चीनी की खपत कम है। इसलिए सरकार ने चीनी के निर्यात को प्रोत्साहन दिया है। अधिकांश मिलें कच्ची चीनी तथा कुछ रिफाइंड चीनी का निर्यात करती हैं। इससे किसानों को समय से गन्ना भुगतान भी आसान हो जाता है।

- संजय आर भूसरेड्डी, गन्ना आयुक्त व प्रमुख सचिव


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