मुस्लिमों ने सौहार्द के आखत से मनाई होली
गंगा जमुनी संस्कृति शाहजहांपुर की पहचान है।
जेएनएन, शाहजहांपुर : गंगा जमुनी संस्कृति शाहजहांपुर की पहचान है। लाटसाहब की होली देश दुनिया में प्रसिद्ध है। लेकिन खुटार के गांव माधवपुर की होली भी अनूठी है। दअरसल यहां मुस्लिम समाज के लोग भी होली का पर्व गांव वालों के साथ मिलकर मनाते हैं। गुरुवार को भी उन्होंने होली में आखत डाले। गांव के हिदू समाज के लोगों के यहां जाकर होली मिलकर खुशियां बांटी।
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सदियों से निभाई जा रही सामाजिक सौहार्द की परंपरा
ग्राम पंचायत रामपुर कला के मजरा माधवपुर में बरसों से सामाजिक सौहार्द की पंरपरा निभाई जा रही है। गांव वालों के लिए यह सामान्य बात है। गुरुवार को भी लियाकत, शराफत के साथ मुस्लिम समाज के लोग होलिका स्थल पर गए और परिक्रमा करके जौं की बाली के रूप में आखत डाले।
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मिल बांटकर खाई जाती होली की गुझिया और ईद की सिवइयां
त्योहारों को जो लोग एक दूसरे की भावनाओं को आहत करते हैं, उनके लिए यह छोटा सा गांव आइना है। यहां ईद पर हिदू समाज के लोग मुस्लिमों के घर जाकर सिवइयां खाते हैं, होली पर मुस्लिम समाज होली पर आखत डालने के साथ रंग खेलते और फिर गुझिया के साथ प्यार की मिठास बांटते हैं।
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दोनों समुदाय में इंसानियत का नाता
ग्राम पंचायत रामपुर कला समेत पास पड़ोस में जाति, धर्म नहीं इंसानियत का नाता है। होली, दीवाली व ईद, बैशाखी आदि सभी पर्वो को मिलकर मनाया जाता है। मुस्लिम समाज के लोग सदियों से होली पर आखत डालते चले आ रहे हैं। गांव वालें भी उनके त्योहारों के साथ सुख दुख में शामिल होते हैं।
विजय वर्मा, प्रधान, रामपुर कला खुटार