बीस हजार प्रवासी आए, नौ हजार को राशन किट नहीं
घर लौटे प्रवासी श्रमिक दुश्वारियों से जूझ रहे हैं। जिले में 20658 प्रवासियों को आश्रय गृह में रोककर जांच के बाद घर भेजा गया।
जेएनएन, शाहजहांपुर : घर लौटे प्रवासी श्रमिक दुश्वारियों से जूझ रहे हैं। जिले में 20658 प्रवासियों को आश्रय गृह में रोककर जांच के बाद घर भेजा गया। इनमें से 11649 को ही स्थानीय प्रशासन की ओर से राशन किट दी गई। जबकि शेष 9009 खाली हाथ घर पहुंचे। चूंकि दूसरे प्रदेशों से काम छोड़कर आए हैं इसलिए इनमें से अधिकतर के सामने रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने की चुनौती खड़ी है।
पुवायां और तिलहर तहसील में सर्वाधिक श्रमिक घर लौटे। प्रशासन का कहना था कि सभी के लिए राशन देकर घरों पर क्वारंटाइन रहने को कहा गया। लेकिन सरकारी आंकड़े ही बता रहे कि कलान में 24 सौ से ज्यादा को किट नहीं मिल सकी। तिलहर में 26 सौ से ज्यादा प्रवासी खाली हाथ घर पहुंचे। सदर तहसील की स्थिति कुछ ठीक रही। वहां 2878 में 2090 को किट मिली। इस पर प्रशासन का तर्क है कि यदि तीन प्रवासी थे मगर वे एक ही परिवार के सदस्य थे, तो ऐसे में उन्हें एक किट ही मिल सकती है। वहीं, मार्च से अब तक जिले में 38 हजार लोग आ चुके हैं। इनमें से 20658 स्थानीय प्रवासियों को छोड़ दें तो बाकी दूसरे जिलों के थे। उन्हें आश्रय गृह में क्वारंटाइन करने के बाद उनके जिलों को रवाना कर दिया गया।
तहसील : प्रवासी - राशन मिला- राशन नहीं मिला
पुवायां : 5643 - 4338 - 1305
तिलहर : 5708 - 3047 - 2661
कलान : 3675 - 1203 - 2472
सदर : 2878 - 2090 - 788
जलालाबाद : 2754 - 971 - 1783
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राशन किट सिर्फ उन्ही श्रमिकों को दी गई जो शेल्टर होम के माध्यम से होम क्वारंटाइन कराए गए। इनमें कई श्रमिक एक ही परिवार के थे। ऐसे में एक परिवार को नियमानुसार सिर्फ एक किट ही दी जा सकी। पात्र कोई भी श्रमिक बिना राशन किट के नही भेजा गया।
महेंद्र सिंह तंवर, मुख्य विकास अधिकारी