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मर्दों के साथ भी होता है मी टू

शायर मुनव्वर राना ने कहा कि देश में इन दिनों सिर्फ दो चीजें ही चल रही हैं संप्रदायिकता और मी टू..।

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Nov 2018 09:02 AM (IST)Updated: Sun, 04 Nov 2018 09:02 AM (IST)
मर्दों के साथ भी होता है मी टू
मर्दों के साथ भी होता है मी टू

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर :

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शायर मुनव्वर राना ने कहा कि देश में इन दिनों सिर्फ दो चीजें ही चल रही हैं संप्रदायिकता और मी टू..। यह सब नयी पीढ़ी के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि मी टू सिर्फ औरतों के साथ ही नहीं बल्कि मर्दों के साथ भी होता है, लेकिन अगर वे कहेंगे तो कोई उसकी मानेगा नहीं।

ओसीएफ रामलीला मैदान में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन व मुशायरे में शिरकत करने मुनव्वर राना एक होटल में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मर्दों की हालत उस दुकानदार की तरह हो गई है जो किसी को मारे या खुद मार खाये दोषी वही कहलाता है। उन्होंने कहा कि मी टू की आड़ में कई लोगों को बदनाम करने का सिलसिला शुरू हुआ है। मुनव्वर राना ने कहा कि इस समय पूरा देश संप्रदायिकता के डेंगू का शिकार हो गया है। उन्होंने कहा कि पहले अच्छी शायरी पर ही दाद दी जाती थी, लेकिन अब खराब शायरी पर दाद मिलती है। जिस कारण शायर व सुनने वाले दोनों का क्लास खराब हुआ है। सुनने वाले कैसे भी हों शायर का मयार खराब नहीं होना चाहिए। आज से बीस वर्ष पहले शायरी में संप्रदायिकता नहीं थी। शायरी का कोई धर्म नहीं था। कवि-सम्मेलन व मुशायरे अलग-अलग नहीं होते थे, लेकिन अब सब बदल रहा है। नये शायरों की स्थिति पर मुनव्वर राना ने कहा कि पहले शायर लहजे, अपने अंदाज से पहचाना जाता था, लेकिन अब सब तीरंदाज हो गये हैं।

तथ्य

- कवि सम्मेलन व मुशायरे में शिरकत करने पहुंचे मुनव्वर राना

- बोले : देश में सिर्फ दो चीजें चल रहीं संप्रदायिकता व मी टू


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