जलाएं संस्कारों के दीप, फैलाएं समृद्धि का उजियारा
नवरात्र व विजयदशमी के बाद पांच दिवसीय दीपोत्सव पर्व मनाया जाता है।
शाहजहांपुर : नवरात्र व विजयदशमी के बाद पांच दिवसीय दीपोत्सव पर्व मनाया जाता है। इस पर्व धार्मिक के साथ वैज्ञानिक भी महत्ता है। लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद मर्यादा पुरुषोत्म राम के अयोध्या लौटने की खुशी में दीप जलाने पर दीवाली नाम दिया गया। भगवान कृष्ण ने दीवाली के दिन ही नरकासुर का वध किया था। इसलिए छोटी दीवाली को नरक चतुर्दशी के रूप में मनाने का प्रसंग आता है। दीपावली के दिन ही पांडवों के वनवास के बाद हस्तिनापुर लौटने का भी जिक्र आता है। दीवाली के दौरान ही घर में नई फसलों की आवक होने से खुशियां आती है। गर्मी व वर्षा ऋतु के बाद शरण ऋतु का आगमन होता। दीवाली पर एक साथ असंख्य दीप जलने से हानिकारक कीट नष्ट हो जाते, इससे वातावरण शुद्ध होता है। लेकिन कुछ कुरीतियां भी पर्व के साथ जुड़ गई। पटाखा, आतिशबाजी के दुष्परिणाम सामने है। जुआं खेलने में तमाम घर भी बर्बाद हो जाते। ऐसे में हम सभी को संस्कारों के दीप जलाकर देश समाज में समृद्धि का उजियारा फैलाने का संकल्प लेना चाहिए।
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इंसेट
जलाएं संस्कारों की दीप, बनाएं प्रकाश के मीत
- पालीथिन को न कहें : पॉलीथिन पर्यावरण का राक्षस है। हालांकि प्रशासन ने पॉलीथिन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। जनपद के करीब 400 प्रतिष्ठानों पर छापा मारकर पॉलीथिन को जब्त किया गया। दस लाख का जुर्माना भी लगा, लेकिन जब तक पॉलीथिन पर पूरी तरह प्रतिबंध नहीं लग जाता, चुन नहीं बैठना है।
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- सुरक्षा कवच है हेलमेट : हेलमेट जीवन की रक्षा करता है। इसे हर कोई जानता। फिर भी हेलमेट पहनते नहीं। पुलिस अभियान तक सीमित है। दीवाली पर हेलमेट पहनने का संकल्प लेना चाहिए।
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- खुशहाली को लगाएं रफ्तार पर ब्रेक : तेज गति में तमाम हादसे हो जाते है। जनपद में प्रतिमाह सड़क हादसों में बीस से 25 लोगों की मृत्यु हो जाती है। खुशहाली के सीमित गति पर चलने का संकल्प लेना चाहिए।
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- क्लीन सिटी ग्रीन सिटी : शहर को साफ सुथरा रखने की जिम्मेदारी नगर निगम की ही नहीं, हम सबकी है, इसे मन में बिठा लेना चाहिए। शहर को हरा भरा बनाने के लिए पौधरोपण करें, जो पौधे लगे उनके सुरक्षित रखने का प्रयास करें।
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रक्तदान महादान : रक्तदान से जीवन दान मिलता है। स्वास्थ्य भी अच्छा रहता। शहर के सैकड़ों लोग रक्तदान से जुड़ चुके हैं। पटाखा छुटाने पर कई बार हादसों में खून बह जाता है, अब रक्तदान से जीवनदान का प्रयास होना चाहिए।
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हरियाली का दें उपहार : दीपावली पर उपहार की परंपरा है। अबकी उपहार में पौध देकर पर्व को यादगार बनाए। सहजन, तुलसी, गिलोय, एलोवेरा, आदि औषधीय पौधे उपहार में देना हितकर रहेगा।