दिल्ली तक पहुंची शाहजहांपुर की स्पेशल तकनीक
शाहजहांपुर में सहायक मंडल अभियंता के पद पर तैनात रॉकी तुहर व उनकी टीम ने रेल प्वाइंट बदलने के लिए स्पेशल रोलर तैयार किया है।
अजयवीर सिंह, शाहजहांपुर :
शाहजहांपुर में सहायक मंडल अभियंता के पद पर तैनात रॉकी तुहर व उनकी टीम ने रेल प्वाइंट बदलने के लिए स्पेशल रोलर तैयार किया है। जिसे कर्मचारियों ने खुद के वेतन से तैयार कराया था। जिसके जरिये कम समय में अधिक काम किया जा सकता है। अब यह तकनीक बरेली, मुरादाबाद होते हुए दिल्ली तक पहुंच गई है। रेल प्रशासन को यह तकनीक इस कदर भा गई कि अब दिल्ली तक में इस तकनीक पर काम शुरू हो गया है।
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एक रोलर से हुई थी शुरूआत
करीब पांच माह पहले सहायक मंडल अभियंता रॉकी तुहर, वरिष्ठ खंड अभियंता अरुण कुमार सक्सेना, वरिष्ठ खंड अभियंता हरगोविद की टीम ने खुद के वेतन से एक रोलर बनाकर इसकी शुरूआत की थी। प्राइवेट बिल्डर से एक रोलर बनवाने में चार से पांच हजार रुपये की लागत आई थी। मौजूदा समय में शाहजहांपुर में 40 रोलर है जिनसे क्रॉस लाइन पर सीधी लाइन करने के लिए काम कराया जाता है। एक रोलर से तीन दिन का काम महज एक दिन में ही पूरा हो जाता है। पिछले साल 28 नवंबर को जब उत्तर रेलवे के जीएम टीपी सिंह बरेली में निरीक्षण करने पहुंचे थे तो इस तकनीक को प्रदर्शनी में देख इसकी सराहना की थी।
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मुरादाबाद व हापुड़ में हुए तैयार
शाहजहांपुर के बाद मुरादाबाद व हापुड़ में स्पेशल रोलर बनाए गए हैं। इसके लिए रेलवे की ओर से बजट भी स्वीकृत किया गया। सहायक मंडल अभियंता रॉकी तुहर के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम यहां प्रशिक्षण देने भकी जा चुकी है। लगातार कामयाबी मिलने के बाद बरेली, दिल्ली सहित कई जगह यह रोलर बनना शुरू हो गए हैं।
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ऐसे करता है रोलर काम
यह सिस्टम रेल लाइन के नीचे सीधी लाइन लगाकर क्रासलेट डाल देते हैं। जिससे सारा भार क्रास लेट पर आ जाता है। इसके बाद रेल लाइन को आगे बढ़ा दिया जाता है।
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वर्जन
रेल प्वाइंट बदलने के लिए जो तकनीक शाहजहांपुर में तैयार की गई थी। उस पर दिल्ली सहित कई जगह चल रहा है। यहां से पांच सदस्यीय टीम प्रशिक्षण भी देने जा चुकी है। शाहजहांपुर में रोलर की संख्या अब 40 से अधिक पहुंच गई है।
-रॉकी तुहर, सहायक मंडल अभियंता रेलवे