कोरोना से लड़ने को ट्रे में उगाया सेहत का खजाना
छोटी उम्र में बड़ी सोच। वाकइ सरकार ने जिस उद्देश्य से देश को लाकडाउन किया 12 साल की यमन ने उसे साबित कर दिखाया।
नरेंद्र यादव, शाहजहांपुर : छोटी उम्र में बड़ी सोच। वाकइ, सरकार ने जिस उद्देश्य से देश को लाकडाउन किया, 12 साल की यमन ने उसे साबित कर दिखाया। कक्षा सात की छात्रा ने कोरोना से बचाव को प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि के लिए ट्रे और टोकरी में गेहूं चना, सरसों और मेथी के ज्वारे उगाए। पानी के खनिज पदार्थाे की मदद से अंकुरित अनाज 15 दिन के भीतर पेड़ का रूप ले चुके हैं। यमन का मानना है अनाज के नवांकुर से इम्यूनिटी पॉवर बढ़ती और कोरोना वायरस, बैक्टीरिया समेत गंभीर रोगों से बचाव में मदद मिलती हैं।
मां से मिली प्रेरणा
यमन बताती है कि अम्मी, अब्बा को गीले कपड़े में अंकुरित हुए चना व मेथी खिलाती थी। जब अम्मी ने कई फायदे बताए तो यू ट्यूब पर भी सर्च किया। अंकुरित अनाज के फायदे जानकर लॉकडाउन में प्रयोग को अंजाम दिया। इसके बाद सलाद के रूप में प्रयोग किया।
इस तरह यमन ने उगाए पेड़
यमन बताती है कि वह अब तक चना, गेहूं, मेथी, सरसो, लोबिया, मूंग आदि को ट्रे और टोकरी में उगा चुकी हैं। पौधों को ऑक्सीजन के लिए ट्रे में सूजा गरम करके छिद्र कर लिए। जालीयुक्त टोकरी व ट्रे में अनाज को भिगोकर गीले कपड़े में ढककर रख दिया। पानी से खनिज तत्व पाकर अनाज से पौधे निकल आए। यमन बढ़वार के लिए किचेन के जैविक कचरा की खाद को पौधे उगाने में डालेंगी।
आइएएस बनना चाहती छात्रा
यमन की मां सायमा साधारण गृहिणी, पिता फैजान किराना कारोबारी है। लेकिन यमन ने आइएएस बनने का सपना संजोया है। लीड कान्वेंट की प्रधानाचार्य तराना जमाल ने मदर्स डे पर यमन व उनकी मां को कॉलेज में सम्मानित किया।
कैंसर, डायबिटीज सरीखे रोगों को रक्षा करता अंकुरित अनाज
यमन की सोच से डॉक्टर भी प्रभावित है। आयुर्वेदाचार्य डा. अवधेश मणि त्रिपाठी बताते हैं कि अंकुरित अनाज में एंटी ऑक्सीडेंट व विटामिन भरपूर होता है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यूनानी चिकित्सक डा. नाजिम रजा अंकुरित मेथी व गेहूं जवारे के रस को डायबिटीज व कैंसर जैसे रोग में भी लाभप्रद बताते है। होम्योपैथ फिजिशियन डा. रविमोहन का कहना है कि अंकुरित अनाज में विटामिन के साथ कैल्सियम, फास्फोरस, आयरन, जिक, मैग्नीशियम सरीखे खनिज तत्व से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।