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राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि बदल रही देश के किसान की सोच

शाहजहांपुर जेएनएन रोजा के गांव बरतारा में सोमवार को आई राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 01:01 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 01:01 AM (IST)
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि बदल रही देश के किसान की सोच
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि बदल रही देश के किसान की सोच

शाहजहांपुर, जेएनएन : रोजा के गांव बरतारा में सोमवार को आई राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि देश के किसानों की सोच बदल रही है। रासायनिक खाद, कीटनाशकों से होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए अब वे जैविक खेती पर ध्यान दे रहे हैं। सरकार भी उनके साथ है। आधुनिक कृषि के तरीके सिखाए जा रहे। बड़ा बाजार उपलब्ध कराया जा रहा ताकि किसानों को अपनी उपज का अच्छा दाम मिल सके।

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राज्यपाल विनोबा सेवा आश्रम के 40 वें स्थापना दिवस को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहीं थीं। 38 मिनट के संबोधन में उन्होंने किसान, शिक्षा और नारी सशक्तीकरण पर बात की। कहा कि उत्पादन अधिक हो इसलिए करीब 25 साल पहले रासायनिक खाद, कीटनाशक आदि का उपयोग बढ़ने लगा। उस वक्त के नेताओं ने इस पर ध्यान नहीं दिया कि भविष्य में इससे बीमारियां भी बढ़ती जाएंगी। अब हालात बदल रहे हैं। कृषि के जरिये महिलाएं भी आत्मनिर्भर हों, इसलिए उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है। कार्यक्रम में उपस्थिति महिलाओं से कहा कि बालिकाओं की पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान दें। उन्हें स्कूल जरूर भेजें। बोलीं, जिस तरह कोरोना के खिलाफ सब मिलकर लड़े, उसी तरह विकास में भी सभी की भागीदारी जरूरी है। सरकार अकेले कुछ नहीं कर सकती। आश्रम संस्थापक रमेश भैया ने राज्यपाल को गोशाला व प्रदर्शनी का भ्रमण कराया।

नारी सशक्तीकरण को समर्पित रहा राज्यपाल का कार्यक्रम

शाहजहांपुर : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का पूरा कार्यक्रम नारी सशक्तीकरण को समर्पित रहा। खेती किसानी में भी उन्होंने महिलाओं की समुचित भागीदारी की वकालत की। कार्यक्रम की शुरुआत भी त्रिमाता उपासना कुटीर के लोकार्पण से की। उन्होंने श्रद्धा व समृद्धि की प्रतीक गाय को गुड़, चना और लड्डू खिलाकर गोसेवा का संदेश दिया। धरती माता की सेहत संवारने के लिए गाय के गोबर और आश्रम की बहनों के श्रम की नींव पर तैयार वर्मी कंपोस्ट प्रकल्प देखा। वहां मौजूद महिलाओं से सीधा संवाद किया। परिवार के हालचाल के साथ उन्हें स्वावलंबन से सशक्त बनने तथा सेहत का ध्यान रखने को प्रेरित किया।

जनसभा में भी उन्होंने महिला किसानों की बात की। आश्रम परिसर में लगी प्रदर्शनी के उद्घाटन के बाद बाल विकास एवं पुष्टाहार के स्टाल पर पौष्टिक आहार से कुपोषण मुक्ति तथा राष्ट्रीय रोजगार मिशन की ओर से संचालित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से स्वावलंबन के साथ सेहत का ध्यान रखने को प्रेरित किया। परमाली के बालाजी स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष मुन्नी देवी ने टीम के साथ मशरूम उत्पादन का सजीव प्रदर्शन किया। मास्क, स्कूल ड्रेस के स्टाल को देख राज्यपाल प्रभावित हुई। दिव्यांग मीरा को किया नमन, बढ़ाया उत्साह

कटिया कम्मू की अर्चना सास रामलली के साथ जरी जरदोजी, कढ़ाई कर रही थी। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने हुनर को सराहा। पास में ही बैठी दिव्यांग मीरा को पैर से मशीन चलाता देख वह प्रभावित हुई और हाथ जोड़कर नमन किया। महिला बोए गेहूं, धान.. गीत पर भावुक हुई राज्यपाल

गोशाला में गोमाता, जननी माता तथा धरती माता समेत त्रिमाता दर्शन के दौरान हीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने महिला किसान गीत सुना। महिला बोए गेहूं, धान.. फिर भी महिला नहीं किसान.. गीत की पंक्तियां राज्यपाल के मन को छू गई। उन्होंने आश्रम के संस्थापक रमेश भइया व सचिव विमला बहन से महिला किसानों की वर्तमान दशा पर बात की। खतौनी में महिलाओं का नाम जोड़े जाने के अभियान को प्रासंगिक बताया। महिलाओं को अंगवस्त्र भेंटकर किया सम्मानित

त्रिमाता उपासना के लोकापर्ण समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आश्रम की 25 महिलाओं को शाल व अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया।

उन्होंने महिलाओं के जैविक खाद प्रकल्प की सराहना की। इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि निराश्रित महिलाओं को पेंशन का लाभ दिलाया जाना चाहिए।


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