गंगा उफनाई, खतरे से सिर्फ 20 सेमी दूर, फसलें जलमग्न
नरौरा बैराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी से गंगा नदी उफना रही है। समीपवर्ती गांवों की सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई है। रविवार को 1.42 लाख पानी और छोड़े जाने से 20 खतरे का निशान सिर्फ 20 सेमी दूर रह गया है।
जेएनएन, शाहजहांपुर : नरौरा बैराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी से गंगा नदी उफना रही है। समीपवर्ती गांवों की सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई है। रविवार को 1.42 लाख पानी और छोड़े जाने से 20 खतरे का निशान सिर्फ 20 सेमी दूर रह गया है।
मिर्जापुर ब्लाक के भावना नगला, इस्लामनगर गांव में चारों तरफ से बाढ़ के पानी से घिर गया है। जलालाबाद से शमशाबाद मार्ग पर सड़क के किनारे सैलाब का पानी बह रहा है। जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। समेचीपुर, चितार, बौना नगला, मजिस्द नगला, उतर पैलानी, कटेला नगला, सरीफपुर चिछनिछोरा हार आदि दर्जनों गांव की फसलें जलमग्न हो गई है। चौराहार में पिछले वर्ष ओलावृष्टि से फसल बर्बाद हो गई थी। अब बाढ़ से फसलों को नुकसान पहुंच रहा है। सैलाब से घिरे यह गांव, मार्गों पर जलभराव
आजाद नगला, मस्जिद नगला, इस्लामनगर, कटैला नगला, पैलानी उत्तर, बांसखेडा, चौरा, मोती नगला, लुहार नगला तथा जनपद फर्रुखाबाद के गांव जो नदी के इस तरफ बसे हैं चितार, कमथरी, पैलानी दक्षिण, शरीफपुर, मंझा, जैतपुर तथा गढिया आदि गांव सैलाब से घिर गए है। चौरा बसोला तथा इस्लामनगर चितार मार्ग भी डूब गए है। आवागमन बाधित हुआ है। 2013 में छोड़ा गया था 6.10 लाख क्यूसेक पानी
26 जून 2013 को गंगा नदी में नरौरा बैराज से 6 लाख 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। तब पूरा क्षेत्र जलमग्न हो गया था। हालांकि तक भी भैंसार बांध सुरक्षित रहा था। लेकिन निचले क्षेत्रों में कई दिनों आवागमन ठप रहा। नरौरा बैराज से छोड़े जा रहे पानी से भैंसार ढाई बांध को फिलहाल कोई खतरा नहीं है। लेकिन डिस्चार्ज अधिक होने से निचले क्षेत्रों में पानी पहुंचेगा। जिसे रोकना संभव नहीं है। हरिद्वार बैराज से डिस्चार्ज कम हुआ है, इस कारण दो तीन दिन के बाद डिस्चार्ज कम हो जाएगा। इसीलिए परेशान होने की जरूरत नहीं।
सुनील कुमार भास्कर, अधिशासी अभियंता सिचाई विभाग