आग की लपटों के साथ बढ़ रही थी दशहत
आग लगने के स्थान से करीब दो सौ मीटर की दूरी पर गैस गोदाम है।
रोजा : जिस जगह पर आग लगी उसके आसपास कई अन्य फैक्ट्रियां हैं। करीब दो सौ मीटर की दूरी पर गैस का गोदाम है। जहां सि¨लडरों का स्टाक था। फायर बिग्रेड ने आग बुझाना शुरू किया, लेकिन लपटें कम होने की बजाय और बढ़ने लगीं। यह देख अधिकारियों की पेशानी पर भी बल पड़ गए। डर था कि अगर आग ने आस पड़ोस की फैक्ट्रियों को जद में ले लिया तो मुश्किल हो जाएगी। रात का समय होने के बावजूद फैक्ट्रियों का स्टाफ व तमाम लोग जमा हो गए। भीड़ को नियंत्रित करने लिए एएसपी सिटी ने रोजा, आरसी मिशन, सेहरामऊ दक्षिणी, कोतवाली का फोर्स मंगवा लिया गया। रात दो बजे जब आग धीमी पड़ी तब जाकर अधिकारियों व लोगों ने राहत की सांस ली। उसके बाद वहां से भीड़ भी कम होने लगी। तब जाकर अधिकारी वहां से हटे। मौके पर आरसी मिशन व सेहरामऊ दक्षिणी का फोर्स तैनात रहा।
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कई बार लेना पड़ा पानी
आग बुझाने के लिए दमकल की 12 गाड़ियां लगी थीं, लेकिन उनका पानी कम पड़ गया। रात में कुछ दूर स्थित ईंट भट्टे के पं¨पग सेट को चलवाया गया, जिससे गाड़ियों में कई बार पानी भरा गया।
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ऑफिस भी स्वाहा
फैक्ट्री में ही आफिस बना हुआ है, जिसमें विमल व सागर बैठते हैं। आग के कारण उसमें रखा लैपटाप व लेन-देन संबंधी सभी अभिलेख जल गए। जिस कारण फैक्ट्री मालिक के पास फिलहाल कोई रिकार्ड नहीं रह गया है।
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हताश हो गए
आग को बुझाने के लिए सुबह के बाद फैक्ट्री स्वामी के बेटे भी हताश हो गए। सारा माल राख हो गया था। मशीनें भी जल गई थीं। फैक्ट्री की बि¨ल्डग पूरी तरह से चटक गई है। जिस कारण अब इसको नये सिरे से ही बनवाना होगा।