निजी अस्पतालों में भी बढ़ने लगी टीका लगवाने को भीड़
एक माह पहले लोग निश्शुल्क टीका लगवाने के लिए भी स्वास्थ्य केंद्रों पर नहीं पहुंच रहे थे लेकिन बाद में जब संक्रमण से बचने के लिए इसका महत्व पता चला तो लोग 250 रुपये शुल्क देकर निजी अस्पतालों में भी टीका लगवाने पहुंचने लगे।
जेएनएन, शाहजहांपुर : एक माह पहले लोग निश्शुल्क टीका लगवाने के लिए भी स्वास्थ्य केंद्रों पर नहीं पहुंच रहे थे, लेकिन बाद में जब संक्रमण से बचने के लिए इसका महत्व पता चला तो लोग 250 रुपये शुल्क देकर निजी अस्पतालों में भी टीका लगवाने पहुंचने लगे। औसतन 300 लोग हर दिन इन केंद्रों पर पहुंच रहे है। गुरुवार को भी सरकारी अस्पतालों से लेकर निजी अस्पतालों में बड़ी संख्या में लोग वैक्सीन लगवाने पहुंचे। टीकाकरण के बाद स्वास्थ्यकर्मियों का आभार जताने से खुद को रोक नहीं सके। जिले में एक निजी मेडिकल कालेज समेत आठ प्राइवेट केंद्र बनाए गए हैं।
स्वजन के साथ लगवाया टीका
शहर के रैनाबाग कालोनी निवासी बिजनेसमैन सचिन अग्रवाल ने गुरुवार को पत्नी प्रियंका अग्रवाल, मां सुनीता अग्रवाल व बहन शिवी अग्रवाल के साथ निजी अस्पताल में टीका लगवाया। आधा घंटे इंतजार के बाद जब चारों लोगों को कोई दिक्कत नहीं हुई तो केंद्र से बाहर निकले। कोविड 19 के स्लोगन लिखे बैनर के पास सेल्फी ली। कहा मास्क लगाने के साथ ही सैनिटाइजर का भी इस्तेमाल करते हैं। लोगों को भी टीका लगवाने के लिए जागरूक करेंगे।
प्रोफेसर ने लगवाया टीका
जीएफ कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. फैयाज अहमद कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, लेकिन उन्होंने हिम्मत हारने के बजाय डटकर कोरोना का सामना कर फिर स्वस्थ्य होकर परिवार व कॉलेज के बीच पहुंचे। गुरुवार को समय निकाल कर टीकाकरण कराया। उन्होंने कहा कॉलेज में छात्र-छात्राओं को कोविड 19 गाइड लाइन का पालन कराने के लिए बताते रहते हैं। 45 साल से ऊपर का हर व्यक्ति कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन जरूर लगवाए। अस्पताल की स्टाफ नर्स को अपना मोबाइल देकर फोटो भी खिचाया। जिसे ग्रुप व इंटरनेट मीडिया पर अपलोड कर जागरूकता फैलाई।
वैक्सीनेशन के बाद जताया आभार
शहर के चौक क्षेत्र निवासी राजेश खन्ना, पत्नी रंजना खन्ना, परिवार की सदस्य रश्मि खन्ना के साथ निजी अस्पताल में पहुंचे। दोपहर 12 बजे तीनों ने टीका लगवाने के बाद नर्स के साथ सेल्फी ली और उनका आभार जताया। राजेश ने कहा सरकारी अस्पताल में यदि भीड़ है तो रुपये देकर निजी अस्पताल में टीका लगवाने से संकोच नहीं करना चाहिए। क्योंकि स्वास्थ्य के आगे 250 रुपये कोई मायने नहीं रखते।
अकेले पहुंच गए टीका लगवाने
विकासखंड बंडा के सिघापुर पनई गांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से करीब आठ किमी दूर है, लेकिन टीका लगवाने की उत्सुकता गांव के सेवानिवृत्त शिक्षक चंद्रिका प्रसाद को अकेले ही केंद्र तक ले गई। टीका लगवाने के बाद उनके चेहरे पर किसी तरह की शिकन नहीं थी। बल्कि उन्होंने गांव के अन्य बुजुर्गो को भी जल्द केंद्र पर भेजने की बात कही। बताया कि टीका लगवाने के बाद कोई दिक्कत नहीं हुई है।