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कागज के लिफाफे लेकर सड़क पर निकले स्कूली बच्चे

पॉलीथिन को लेकर प्रशासन भले ही सक्रिय न हो लेकिन स्कूली बच्चे लगातार मुहिम चला रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Nov 2018 10:56 AM (IST)Updated: Sun, 04 Nov 2018 10:56 AM (IST)
कागज के लिफाफे लेकर सड़क पर निकले स्कूली बच्चे

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर :

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पॉलीथिन को लेकर प्रशासन भले ही सक्रिय न हो लेकिन स्कूली बच्चे लगातार मुहिम चला रहे हैं। शनिवार को भी डॉ. सुदामा प्रसाद बाल विद्या मंदिर कन्या इंटर कॉलेज के छात्र-छात्राएं हाथों में कागज के लिफाफे लेकर सड़कों पर निकले। दुकानदारों को कागज के लिफाफे देते हुए पॉलीथिन का इस्तेमाल हरगिज न करने की अपील की। यह लिफाफे बच्चों ने खुद ही तैयार किए थे। इसके बाद विद्यालय में सुंदरीकरण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। सीनियर वर्ग में अंजली ने बाजी मारी। जूनियर वर्ग में इरम पहले स्थान पर रही। इस मौके पर प्रधानाचार्य डॉ. राखी मिश्रा, संतोष कुमार पांडेय, गीता बोस, अर्चना सक्सेना, लक्ष्मी सक्सेना, रामऔतार शर्मा, ऋतु अरोड़ा, श्वेता, गोपाल आदि मौजूद रहे। ----------

नाटक से बढ़ाई जागरूकता

खिरनीबाग स्थित कालीबाड़ी मंदिर परिसर के स्कूल में बच्चों ने नाटक प्रस्तुत कर लोगों को पॉलीथिन से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में बताया। बच्चों ने खुद भी पॉलीथिन का इस्तेमाल न करने का संकल्प लिया।

नगर निगम में सौंपी पॉलीथिन

बेसिक स्कूल के बच्चों ने शनिवार को भी जिला स्काउट मास्टर निकहत परवीन व जिला गाइड कैप्टन द¨पदर कौर के नेतृत्व में बाजार से पॉलीथिन एकत्र की। दो थैले भरकर पॉलीथिन नगर निगम पहुंचाई। शुक्रवार को भी बच्चों ने काफी तादाद में पॉलीथिन नगर निगम के अधिकारियों को सौंपी थी। ज्ञान रटने नहीं अनुभव करने का विषय है : डॉ. वर्मा

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर :

एसएस कॉलेज में शिक्षण सहायक सामग्री निर्माण कार्यशाला का समापन हो गया। रसायन विज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. पीएल वर्मा ने कहा कि ज्ञान रटने की वस्तु नहीं है, बल्कि प्रत्यक्ष अनुभव करने का विषय है। पहले के समय में शिक्षा रटने पर आधारित थी। तब ज्ञान का विस्तार भी इतना अधिक नहीं था। डायट प्राचार्य डॉ. चंद्रपाल ने कहा कि बालक प्रारंभ में ज्ञान को इंद्रियों के द्वारा प्राप्त करता है इसीलिए इंद्रियों को ज्ञान का द्वार कहा गया है। राजकीय महाविद्यालय कांट के प्राचार्य डॉ. सुधीर ¨सह चौहान ने कहा कि शिक्षा मनुष्य के निर्माण का साधन है। एसएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अवनीश मिश्र ने कहा कि एक अच्छा शिक्षक अपने आस पास की वस्तुओं

का प्रयोग कर प्रभावशाली शिक्षण सहायक सामग्री बनाता है और अपनी कक्षा शिक्षण में उसका प्रभावशाली प्रयोग कर विषय को रोचकता के साथ

प्रस्तुत करता है। इस दौरान प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। सहायक सामग्री भाषा वर्ग में प्रज्ञा मिश्रा विजेता रही। गणित व विज्ञान वर्ग में दीक्षा ने बाजी मारी। सामाजिक विज्ञान वर्ग में नितिन प्रसाद गौतम पहले स्थान पर रहे। इस मौके पर डॉ. श्रीकृष्ण ¨सह, डॉ. अरुण कुमार गुप्ता, ममता शुक्ला, अमिता शुक्ला, पल्लवी वर्मा, पूजा भार्गव, मंजू, अंकिता आदि मौजूद रहे।


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