एआरटीओ दफ्तर के दलालों ने दुकानों से शुरू किया काम
एआरटीओ कार्यालय में दलालों ने नये फंडे के साथ दलाली करना शुरू कर दिया है।
शाहजहांपुर : एआरटीओ कार्यालय में दलालों ने नये फंडे के साथ दलाली करना शुरू कर दिया है। इससे कार्यालय से दलालों को भगाने के प्रशासन के मंसूबे पर पानी फेर दिया है।
एआरटीओ कार्यालय में डीएम अमृत त्रिपाठी ने एक सप्ताह पूर्व छापा मारा था तो दलालों ने अपनी मेज व कुर्सी हटा दी थी। कुछ दलालों ने कार्यालय के बाहर फिर मेज व कुर्सी डाल ली है। खास बात यह है कि दलालों ने एआरटीओ वाली गली में किराये की दुकान पर कार्य शुरू कर दिया है। वहीं, पर लैपटाप से ऑनलाइन फार्म भरकर फीस जमा कर लेते है। दलाल आवेदक को लेकर कार्यालय में जाते है। दलाल स्वयं कक्ष के बाहर खड़े रहते है और आवेदक को फार्म लेकर अंदर भेज देते है। सारी प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद फार्म जमा हो जाता है। दलाल कार्रवाई से बचने के लिए नए-नए फंडे अपनाते है। कार्यालय के कार्यवाहक कर अधीक्षक आरिफ खान ने बताया कि दलालों का प्रवेश रोकने के लिए हर संभव प्रयास हो रहे हें।
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अच्छा-खासा कमीशन लेते है :
डीएल की लर्निंग फीस साढ़े तीन सौ रुपये तथा स्थायी फीस एक हजार रुपये है। दलाल लर्निंग फीस पर कार्य कराने का फीस के अलावा पांच सौ रुपये तथा स्थायी लाइसेंस फीस पर एक हजार के अलावा एक हजार रुपये लेते है। कई बार डीएल न पहुंचने पर आवेदक की दलाल से नोकझोंक तक हो जाती है।
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लर्निंग टेस्ट में भी खेल :
लर्निंग डीएल के लिए कार्यालय में कंप्यूटर पर टेस्ट होता है। टेस्ट में फेल हो जाने पर दोबारा टेस्ट के लिए पचास रुपये फीस जमा करनी होती है। आवेदक टेस्ट की सिफारिश के लिए विधायक तथा सत्ता पक्ष के नेताओं के लेटरपैड पर चिट्ठी लिखाकर ले आते है। यदि सिफारिश हो तो टेस्ट में कोई दिक्कत नहीं होगी।
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एआरटीओ कार्यालय में दलालों की सख्ती के बाद कुछ दलालों ने अब दुकान से कार्य शुरू कर दिया है। गली में कई दुकानें बनी है। आनलाइन फार्म भरने के बाद दलाल स्वयं फार्म लेकर आवेदक केा लेकर जाते है। शक्ल दिखाने के बाद आवेदक को वापस कर देते है। लर्निंग टेस्ट में भी खेल होता है।