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किरकिरी के बाद टूटी अफसरों की नींद, मुकदमा दर्ज, जांच अब भी शुरू नहीं

लूट चोरी तो दूर यहां मौत जैसी घटना की रिपोर्ट भी दर्ज कराने के लिए पुलिस के सामने सिर झुकाना होगा। ऐसा ही हुआ है ढकिया तिवारी के दंपती के साथ। नाबालिग बेटे की संदिग्ध हालात में हुई मौत के मामले में पांच दिन तक थाने के चक्कर काटते रहे लेकिन एसओ ने नहीं सुनी

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 01:46 AM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 01:46 AM (IST)
किरकिरी के बाद टूटी अफसरों की नींद, मुकदमा दर्ज, जांच अब भी शुरू नहीं

जेएनएन, शाहजहांपुर : लूट, चोरी तो दूर यहां मौत जैसी घटना की रिपोर्ट भी दर्ज कराने के लिए पुलिस के सामने सिर झुकाना होगा। ऐसा ही हुआ है ढकिया तिवारी के दंपती के साथ। नाबालिग बेटे की संदिग्ध हालात में हुई मौत के मामले में पांच दिन तक थाने के चक्कर काटते रहे, लेकिन एसओ ने नहीं सुनी। गुरुवार को माता-पिता सिपाहियों के पैरों में सिर रखकर गिड़गिड़ाए। किरकिरी शुरू हुई तो अफसरों की नींद टूटी, जिसके बाद देर रात मुकदमा तो दर्ज हो गया, लेकिन जांच अब तक शुरू नहीं हुई।

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क्षेत्र के ढकिया तिवारी गांव निवासी देवेंद्र पाल सिंह के 13 वर्षीय बेटे करन प्रताप का शव 17 जुलाई को गांव के बाहर यूकेलिप्टस के पेड़ पर रस्सी के फंदे से लटका मिला था। देवेंद्र व उनकी पत्नी अरुणा ने हत्या की आशंका जतायी। आरोपितों के नाम भी बताए, लेकिन पुलिस टस से मस नहीं हुई। बेटे की मौत परेशान दंपती के आंसू गांव वालों से नहीं देखे गए। थाने पहुंचे तो पुलिस के हठधर्मी रवैये को देख दंपती का धैर्य जवाब दे गया। मामला तूल पकड़ता देख एसपी एस आनंद ने देर रात संज्ञान लिया। उनके निर्देश पर गांव के ही विनय, निखिल व उसके भाई असुमित के खिलाफ पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर किया। यह है मामला

करन के पिता देवेंद्र पाल ने बताया कि उन्होंने अपनी मौसेरी साली की शादी आरोपित विनय के छोटे भाई सुबोध से 2011 में कराई थी। 2013 में सुबोध की मौत हो गई। जिसमें उनकी साली व उसके घर वालों के अलावा देवेंद्र व अरुणा के खिलाफ विनय के स्वजन ने हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में पुलिस ने देवेंद्र और अरुणा देवी का नाम विवेचना में निकाल दिया। जिसके बाद विनय पक्ष के लोग कोर्ट चले गए। जहां से हुए आदेश पर दंपती के नाम भी मुकदमे में शामिल हुए। 2017 में तीन माह के लिए जेल भी गए। आरोप है कि बदला लेने के लिए उनके बेटे की हत्या कर शव लटका दिया गया। बताया स्वयं को निर्देाष

वहीं आरोपित विनय का कहना है कि देवेंद्र व अरुणा उन पर राजीनामे का दबाव बना रहे हैं। वे लोग कई बार इस संबंध में बात भी कर चुके हैं। दो दिन पहले भी इस बात की थी, लेकिन इस बार थाने चले गए और झूठा आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज करा दी। विनय ने स्वयं को निर्दोष बताया।

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तहरीर के आधार पर तीनों आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। इसमें जांच की जाएगी। हत्या का आरोप गलत लग रहा है, क्योंकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हैंगिग आई थी।

प्रमोद कुमार, एसओ निगोही


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