मेडिकल कालेज में बनेगा नया ट्रामा सेंटर, सुविधाओं से लैस होगी इमरजेंसी
जेएनएन, शाहजहांपुर : सबकुछ ठीक रहा तो सड़क हादसों में घायल व गंभीर मरीजों को लखनऊ व बरेली रेफर नहीं करना पड़ेगा। राजकीय मेडिकल कालेज में जल्द ही नया ट्रामा सेंटर व इमरजेंसी को सुविधाओं से लैस किया जाएगा। इनमें जांच से लेकर आपरेशन तक की सुविधा रहेगी। विशेषज्ञ डाक्टरों व स्टाफ की तैनाती होगी जिससे इलाज में देरी के कारण होने वाली मृत्यु को रोका जा सकेगा।
राजकीय मेडिकल कालेज बनने के बाद यहां की व्यवस्थाएं तो बदलीं, लेकिन ट्रामा सेंटर, इमरजेंसी में खास सुधार नहीं हुआ। गंभीर मरीजों व घायलों को रेफर करने के सिवाय यहां कोई विकल्प नहीं है। अब इस स्थिति का शासन ने संज्ञान लिया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने यहां नया ट्रामा सेंटर व इमजरेंसी बनाने की स्वीकृति दे दी है। इनमें अत्याधुनिक उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएंगे। ताकि बेहतर उपचार मिल सके।
पहले की तरह संचालित होंगे सेंटर व इमरजेंसी
30 बेड वाला ट्रामा सेंटर महिला अस्पताल के पास बनाया जाएगा। इसी के पास में 30 बेड की इमरजेंसी भी बनाई जाएगी। दोनों का निर्माण जल्द शुरू होने की उम्मीद है। वर्तमान समय में चल रहे ट्रामा सेंटर व इमरजेंसी पहले की तरह संचालित होती रहेगी।
इलाज के लिए करना पड़ रहा इंतजार
मेडिकल कालेज में इस समय संचालित हो रहे ट्रामा सेंटर में महज 10 मरीजों के लिए ही स्ट्रेचर या बेंच की व्यवस्था हो पा रही है। मरीज बढ़ने पर पांच से सात बेड यहां अतिरिक्त डलवाने पड़ते हैं। इसके बाद भी अगर कोई घायल या गंभीर मरीज पहुंच जाए तो उसे फर्श पर लिटाना पड़ता है, जिस कारण कई बार हंगामा भी होता है।
इसलिए जरूरी है ट्रामा सेंटर
हृदयरोग से संबंधित या फिर हादसे में घायल गंभीर मरीजों को बचाने के लिए शुरुआती आधा घंटा सबसे महत्वपूर्ण होता है। लेकिन राजकीय मेडिकल कालेज के ट्रामा सेंटर में अभी तक पर्याप्त संसाधन तो दूर की बात यहां हृदयरोग विशेषज्ञ की तैनाती तक नहीं हो सकी। न्यूरो सर्जन व न्यूरो फिजिशियन भी नहीं है। कैंसर सर्जन, एंजियोग्राफी विशेषज्ञ, एमआरआइ विशेषज्ञ आदि की तैनाती भी यहां नहीं है। ऐसे में गंभीर मरीजों की जान बचाना मुश्किल हो जाता है। ट्रामा सेंटर खुलने पर इन विशेषज्ञों की तैनाती भी ट्रामा सेंटर में होगी। स्त्रीरोग विशेषज्ञ की ड्यूटी भी ट्रामा सेंटर में हर समय रहेगी।
एक्सरे से लेकर खून की भी होगी व्यवस्था
गंभीर मरीजों को एक्सरे से लेकर अन्य जांच कराने के लिए अलग-अलग भटकना पड़ता है। लेकिन ट्रामा सेंटर में एक्सरे मशीन लगाने के अलावा इसके विशेषज्ञ भी तैनात होगे। इसके अलावा खून के लिए भी ब्लड बैंक तक दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। इनमें वेंटिलेटर की सुविधा भी मिलेगी।
यह है स्टाफ
राजकीय मेडिकल कालेज में 170 डाक्टर होने चाहिए, लेकिन मौजूदा समय में महज 120 डाक्टर यहां तैनात है। इनमें भी 80 संविदा पर लगे हुए हैं। 175 नर्सिंग स्टाफ के सापेक्ष 140 का स्टाफ है। इसी तरह 230 वार्ड ब्वाय के सापेक्ष 160 की तैनाती है।
फैक्ट फाइल
- 1600 से अधिक मरीज हर दिन ओपीडी में आ रहे।
- 150 मरीज हर दिन ट्रामा सेंटर में आ रहे।
- 350 बेड राजकीय मेडिकल कालेज में है।
- 100 बेड महिला अस्पताल में है।
- 10 मरीज ट्रामा सेंटर में रोकने की व्यवस्था है।
नए ट्रामा सेंटर व इमरजेंसी का अलग अस्पताल बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जल्द निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। ट्रामा सेंटर में लगभग सभी जांच मशीनें भी उपलब्ध रहेंगी।
डा. राजेश कुमार, प्राचार्य मेडिकल कालेज