पुलिस कर्मियों पर बढ़ रहा डिप्रेशन, 38 मानसिक रोगी भी चिह्नित
अतिरिक्त ड्यूटी जरूरत पर छुट्टी न मिलने तथा मोबाइल का अधिकाधिक प्रयोग से जवान मन मस्तिष्क से बीमार मस्तिष्क से बीमार हो रहे हैं।
जेएनएन, शाहजहांपुर : अतिरिक्त ड्यूटी, जरूरत पर छुट्टी न मिलने तथा मोबाइल का अधिकाधिक प्रयोग से जवान मन मस्तिष्क से बीमार मस्तिष्क से बीमार हो रहे हैं। उनके कार्य व्यवहार में अवसाद, तनाव के साफ लक्षण दिख रहे है। शारीरिक रूप से स्वस्थ सिपाहियों में मानसिक बीमारी के लक्षण देख मेडिकल कॉलेज के क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डा. रोहिताश भी चिकत रह गए। उन्होंने 250 पुलिस कर्मियों के स्वास्थ्य परीक्षण में 38 को मानसिक रोगी पाया। प्रतिसार निरीक्षक को भी अवसाद व तनाव में मानसिक बीमार जवानों की सूची सौंप दी गई है। गंभीर रोगियों को मेडिकल कॉलेज में नियमित उपचार की भी सलाह दी गई है।
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मानसिक बीमारी का आंकड़ा 15 फीसद पार
पुलिस लाइन में सोमवार को सुबह लगे स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में हाल ही शपथ लेकर विभाग में सुरक्षा की कमान संभालने वाले सिपाही भी बीमार मिले। करीब 200 की संख्या वाले इन सिपाहियों में 15 फीसद के करीब मानसिक बीमार पाए गए। ट्रैनिग के बाद कड़ी ड्यूटी व जरूरत पर छुट्टी न मिलने की वजह से अधिकांश तनाव व अवसाद के शिकार हो रहे हैं।
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इंसेट
पुलिस लाइन में 250 के करीब सिपाही व अन्य कार्मिकों के मानसिक परीक्षण किया गया। 38 जवानों में मानसिक बीमारी के लक्ष्ण मिले हैं। जिन्हें उचित परामर्श दे दिया गया है। ध्यान देने पर सभी मानसिक रूप से स्वस्थ हो जाएंगे।
डा. रोहिताश, क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट - स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय
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जवानों को शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। विविध खेल व मनोरंजन के माध्यमों से भी शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य का रखा जाता है। जिन सिपाहियों में मानसिक रोग के लक्षण मिले में उनके कारण जानकर निवारण किया जाएगा। बेहतर खानपान, जरूरत पर अवकाश, ड्यूटी में परिवर्तन के साथ ही जवानों में परस्पर सद्व्यवहार को प्रेरित किया जाएगा।
मुकेश सिंह, प्रतिसार निरीक्षक, पुलिस लाइन