पराली जलाने में पकड़े 172 किसान, 4.32 लाख जुर्माना
प्रदूषण मुक्ति को सामूहिक प्रयास शुरू हो गए हैं। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के निर्देश पर जनपद में गठित निगरानी समितियों ने पराली जलाने वाले किसानों पर शिकंजा कस दिया है।
जेएनएन, शाहजहांपुर : प्रदूषण मुक्ति को सामूहिक प्रयास शुरू हो गए हैं। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के निर्देश पर जनपद में गठित निगरानी समितियों ने पराली जलाने वाले किसानों पर शिकंजा कस दिया है। पांच दिन के भीतर 172 किसानों को पराली जलाने में निरुद्ध कर 4.32 लाख का जुर्माना लगाया गया। गत वर्ष भी पर्यावरण के दुश्मन 266 बड़े किसानों को पकड़कर उनसे 21.84 लाख का जुर्माना वसूल किया गया था।
शासन ने बढ़ाई जुर्माना राशि
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के आदेश पर पराली जलाने पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। प्रमुख सचिव ने इसी वर्ष चार अक्टूबर को जारी शासनादेश में फसल अपशिष्ट के जलाने पर प्रति घटना के साथ जुर्माना राशि भी दी है। दो एकड़ के कम क्षेत्रफल के कृषकों के फसल अपशिष्ट जलाने में पकड़े जाने पर 2500 प्रति घटना तथा 2-5 एकड़ वाले कृषकों से 5000, पांच एकड के अधिक क्षेत्रफल वाले कृषकों से अब प्रति घटना 16 हजार रुपये अर्थदंड वसूला जाएगा। गत वर्ष 15 हजार जुर्माना था।
जीपीएस की मदद से पकड़े जा रहे पर्यावरण के दुश्मन
एडीएम वित्त एवं राजस्व अमर पाल सिंह की अध्यक्षता में जिला स्तर पर निगरानी समिति का गठित किया गया है। तहसील स्तर पर एसडीएम व सीओ को कार्रवाई के लिए अधिकृत किया गया है। थानाध्यक्ष भी पराली जलाने में पकड़े जाने पर कार्रवाई करेंगे। लेखपाल, कृषि विभाग के प्राविधिक सहायक भी सक्रिय है। समिति के सदस्य सचिव व उप कृषि निदेशक की ओर से अब तक पराली जलाने में पकड़े गए 172 किसानों के खिलाफ कार्रवाई कर 4 लाख 32 हजार का जुर्माना लगाया जा चुका है। पराली जलाएं नहीं खेत में सड़ाएं
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प्रति हेक्टेयर 25 किलोग्राम यूरिया डालकर सिचाई करने पर फसल अपशिष्ट खेत में सड़ जाते हैँ। इससे मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ बढ़ जाते हैं। उत्पादन एवं उत्पादकता में भी इजाफा होता है। फसल अपशिष्ट जलाना कानूनन अपराध है।
डा. सतीश चंद्र पाठक, प्रभारी उप कृषि निदेशक
तहसीलवार किसानों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर एक नजर
तहसील : कृषक
पुवायां : 78
सदर : 42
जलालाबाद : 35
कलान : 09
तिलहर : 08
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कुलयोग : 172