फिर कांपी जमीन, तो थर्राई पब्लिक
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर : भूकंप के झटके रविवार को दूसरे दिन लगने से शहर से लेकर गांवों तक में ख
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर : भूकंप के झटके रविवार को दूसरे दिन लगने से शहर से लेकर गांवों तक में खलबली मच गई। लोगों ने खुले स्थानों की ओर दौड़ लगा दी। कुछ ही पलों में स्थिति सामान्य होने पर उन्होंने राहत महसूस की। हालांकि रविवार को भूकंप की तीव्रता कम होने से शनिवार के मुकाबले दस फीसद लोगों ने ही जमीन की हलचल महसूस की। दोबारा भूकंप आने की खबर फैलते ही सभी अपने परिवार की कुशलता जानने को अधीर हो उठे। कुछ ही पलों में स्थिति सामान्य होने और परिजनों बात करने के बाद लोगों ने ईश्वर को धन्यवाद दिया।
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लोधीपुर निवासी अधिवक्ता सुधीर पांडेय को लगातार दूसरे दिन धरती कांपने की जानकारी टीवी के जरिए मिली तो परेशान हो उठे। एक दिन पूर्व शनिवार को कचहरी में अचानक कुर्सी हिलने का अनुभव उनके जेहन में एक पल में ताजा हो उठा। उन्होंने बताया कि टीवी के जरिए जानकारी मिली तो भूकंप के झटके की बात परिजनों को बताते हुए अपने परिचितों, रिश्तेदारों को अलर्ट करने के लिए फोन करना शुरू कर दिया। ऐसी दहशत जीवन में पहले कभी नहीं आई।
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सराइयां निवासी रामौतार तो दूसरे दिन धरती कांपने की खबर एक मित्र ने मोबाइल पर दी। उधर जिला प्रशासन ने भी धरती कांपने की बात स्वीकार कर लिया तो रामौतार की मुश्किल बढ़ी प्रतीत हुई। रामौतार ने कहा कि शनिवार को तो उनकी सांसे थम गयीं थी। उन्होंने शनिवार की याद ताजा करते हुए बताया कि एसडीएम सदर कार्यालय के सामने बैठे थे, तभी जमीन हिली तो एक पल कांप उठे। एक साथ सैकड़ों लोगों को जान बचाने को भागते देखने की याद फिर से ताजा हो गयी। दूसरे दिन की घटना के बाद परिवार के साथ खुले स्थान पर जाकर भगवान से प्रार्थना करने लगे।
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रोजा निवासी खुशीराम ने कहा कि भूकंप के बारे में अक्सर टीवी व अखबारों के माध्यम से चर्चाएं सुनते रहते थे। लेकिन आज भूकंप का झटका महसूस किया। बताया कि यह एक ऐसी घड़ी थी जो दिल को घंटों झकझोरती रही। भूकंप की अहसास होते ही सबसे पहले परिवार वालों की याद आई और फोन के जरिए उनके हालचाल जाने।
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बरेली निवासी विशेष कुमार एक मी¨टग के सिलसिले में शाहजहांपुर आए हुए हैं। बताया रविवार को सिटी में टहल रहा था कि एक परिचित ने फिर से भूकंप का झटका लगने की जानकारी दी। उसके बाद तो उन्होंने बरेली अपने घर लौटने का निर्णय कर लिया। असल में शनिवार को शहर में एक तीन सितारा होटल में मी¨टग के दौरान लगे भूकंप के झटके को करीब से महसूस किया था।
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आशीष कुमार ने बताया कि दहशत के तीन घंटे का अहसास मंद भी नहीं पड़ा कि रविवार को फिर से धरती कांप उठी। भूकंप की पुराणों में दूसरे तरह की मान्यता है, जो वर्षों के अंतराल में आता है। लेकिन दो दिन में दो बार भूकंप का झटका पर्यावरणीय असंतुलन को दर्शा रहा है। लगातार भूकंप के दो झटकों से मन में घबराहट सी होने लगी। घर से दूर होने के कारण सबसे ज्यादा ¨चता परिजनों की हो रही थी।
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स्टूडेंट बंटी ने बताया भूकंप के झटकों ने उन्हें पूरी तरह से झकझोर दिया है। रविवार को दोपहर में कांपना एक खतरनाक संदेश है। अब प्रत्येक व्यक्ति को साहस का परिचय देना होगा। अपवाहें फैलाने के वजाय हम सब का कत्वर्य बनता है कि प्राकृति आपदा से बचाव के लिए एक-दूसरे से विचार विमर्श करें। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के बजाय इससे बचाने को सभी तरह के जोर आजमाइश हो। असल में प्राकृतिक आपदा से कभी पूरा न होने वाला नुकसान होना तय है।
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शिक्षिका प्रज्ञा ¨सह ने बताया कि रविवार को भूकंप का झटका उन्होंने महसूस नहीं किया। लेकिन दोपहर में करीब साढ़े बारह बजे एक परिचित ने फिर से भूंकप आने की जानकारी दी। रविवार होने की वहज से घर में थी, सो तुरंत टीवी खोलकर बैठ गयी। टीवी में लगातार दूसरे दिन भूकंप आने की खबर ने उन्हें परेशान कर रख दिया। बताया कि शनिवार को टेबल व ¨वडो का हिलना उन्होंन महसूस किया।
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शिक्षिका अर्चना शुक्ला रविवार को कमजोर ही सही भूकंप के झटके से बेहद सदमे में है। उन्हें भूकंप बड़ी मुसीबत नजर आने लगी है। उन्होंन अपने परिवार के साथ ही परिचितों के सुरक्षा का भय सताने लगा है। उन्होंने बताया शनिवार को स्कूल में मौजूद थी जब धरती में कंपन हई। सभी शिक्षिकाएं कक्ष से बाहर निकल कर एक-दूसरे पूछताछ करने लगीं। 24 घंटे में भूकंप की पुनरावृत्ति बड़े खतरे का संदेश है।
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प्राधानाचार्य प्राची मिश्रा रविवार को भूकंप आने की खबर से बेहद परेशान हैं। असल में एक दिन पूर्व शनिवार को आए भूकंप में उनके मकान की दूसरी मंजिल के एक कक्ष में छोटा-सा प्लास्टर का टुकड़ा गिरा था। उस घटना को एक दु:स्वप्न मानकर भूलने की कोशिश कर रही थी कि फिर से भूकंप लगने का झटका उन्हें सदमे में डाल दिया है।