ढिलाई बरतने वाले बारह अफसरों का रोका वेतन
शाहजहांपुर : कुछ महीने पहले की बात है, जब जनसुनवाई पोर्टल मामले में शाहजहांपुर जिला
शाहजहांपुर : कुछ महीने पहले की बात है, जब जनसुनवाई पोर्टल मामले में शाहजहांपुर जिला सूबे में अव्वल रहता था। लेकिन जब मामलों के निस्तारण की हकीकत परखी गई तो मौजूदा डीएम अमृत त्रिपाठी खुद हैरान रह गए। डीएम ने समीक्षा के दौरान 917 डिफाल्टर मामले पकड़े। डीएम ने मामलों के निस्तारण में ढिलाई बरत रहे दर्जन भर अफसरों का वेतन रोकने का आदेश जारी किया है। साथ ही डिफाल्टर मामलों को तीन दिन के भीतर निस्तारित करने का निर्देश दिया है। डीएम की समीक्षा से यह साफ हो गया कि जिले में जनसुनवाई पोर्टल मामलों के निस्तारण में महज रस्मअदायगी की जा रही थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनसामान्य की शिकायतों के गुणवत्तापूर्वक निस्तारण कराने के लिए जनसुनवाई पोर्टल (आइजीआरएस) को बेहद गंभीरता से लिया है। मसलन सीएम कार्यालय में हर माह इसकी समीक्षा कर प्राप्त अंको के आधार पर जिलों की ग्रे¨डग की जाती है। कुछ महीने पहले शाहजहांपुर जिले ने कई बार यूपी में टॉप किया था। लेकिन डीएम अमृत त्रिपाठी के आते ही स्थिति बदल गई। दरअसल डीएम ने पोर्टल के कामकाज का तरीका देखा तो हैरान रह गए। आनलाइन सिस्टम को एक लिपिकीय कर्मचारी ही हेंडिल कर रहा था। डीएम ने पोर्टल के काम का जिम्मा अर्थ संख्याधिकारी दिनेश कुमार शर्मा को सौंपा। साथ ही निस्तारित मामलों में क्वालिटी चेक करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण ¨बदु निर्धारित कर दिए। डीएम ने अधिकारियों से मामलों का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण किए जाने पर जोर दिया। नतीजा यह रहा कि मामलों को निस्तारित करने में बरती जा रही ढिलाई उजागर होने लगी। डीएम ने बीते दिन समीक्षा के दौरान पाया कि पोर्टल पर कुल 38671 मामलों में 33567 निस्तारित किए गये हैं, जबकि 4187 मामले अभी भी लंबित हैं। सबसे चौकाने वाला तथ्य 917 डिफाल्टर मामले पकड़े गए हैं। इन अफसरों का रोका वेतन
1- धर्मेंद्र ¨सह प्रभारी डीपीआरओ - 154 मामले
2- पूरन ¨सह चौहान डीएसओ - 54 मामले
3- राजेश कुमार झा उपायुक्त मनरेगा- 49 मामले
4- सर्वेश कुमार, प्रभारी सीडीओ - 46 मामले
5- वीके पटेल, डीसीओ - 45 मामले
6- एनएन द्विवेदी, जिला समाज कल्याण अधिकारी- 38
7- सर्वेश कुमार एडीएम वित्त - 35
8- विजय पाल एसडीएम कलान- 23
9- रामजी मिश्र एसडीएम सदर- 25
10- डॉ. आरपी रावत सीएमओ - 27
11- सत्यप्रिय ¨सह एसडीएम तिलहर - 29
12- चंद्रशेखर जोशी, अग्रणी जिला प्रबंधक बॉब- 31 कई विभागों की शिकायतें डिफाल्टर हो रही हैं, जो गलत है, शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण तरीके से निस्तारण किया जाए। निस्तारण करते समय शिकायतकर्ता से बात कर उसे संतुष्ट जरूर करें। शासन स्तर से पोर्टल पर लंबित प्रकरणों की समीक्षा की जा रही है। ढिलाई बरतने वाले अफसरों का अभी तो वेतन रोका गया है. अगर स्थिति में जल्द सुधार नहीं हुआ तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। - अमृत त्रिपाठी, डीएम