Move to Jagran APP

धूमधाम से मनाई गई सावित्रीबाई फुले की जयंती

वह जब पढ़ाने के लिए जाती थीं तो रास्ते में लोग गंदगी कीचड़ व गोबर आदि उनके ऊपर फेंका करते थे। उनके बताए रास्ते पर चलने से ही समाज का भला हो सकता है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Jan 2020 11:12 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jan 2020 06:12 AM (IST)
धूमधाम से मनाई गई सावित्रीबाई फुले की जयंती
धूमधाम से मनाई गई सावित्रीबाई फुले की जयंती

संतकबीर नगर: सम्राट अशोक क्लब के तत्वाधान में बघौली ब्लाक क्षेत्र के जंगल कला, खरकवा में शुक्रवार को सावित्रीबाई फुले की जयंती मनाई गई। सभी ने उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया।

loksabha election banner

कार्यक्रम का आरंभ तिरंगा फहराने के साथ हुआ। उसके बाद प्रभातफेरी निकालकर गांव के लोगों को उनके जीवन के बारे में बताने का प्रयास किया गया। क्लब के जिलाध्यक्ष रामनरायन मौर्य ने कहा कि सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को नायगांव,सतारा, महाराष्ट्र में हुआ था। उन्होंने भारत की पहली महिला शिक्षक होने का श्रेय प्राप्त किया। यह उपलब्धि उन्होंने उस समय प्राप्त किया जब महिलाओं को पर्दे में रखा जाता था। पति ज्योतिबाराव फुले के सहयोग से उन्होंने ने सिर्फ पढ़ाई की बल्कि देश की महिलाओं को भी पढ़ने के लिए भी प्रोत्साहित किया। अर्चना मौर्य ने कहा कि सावित्रीबाई देश की महानायिका हैं। हर वर्ग और धर्म के लोगों के लिए उन्होंने कार्य किया। वह जब पढ़ाने के लिए जाती थीं तो रास्ते में लोग गंदगी, कीचड़ व गोबर आदि उनके ऊपर फेंका करते थे। उनके बताए रास्ते पर चलने से ही समाज का भला हो सकता है। इस दौरान अंजली मौर्या, अशोक मौर्य ,राम कृपाल मौर्य, सत्यप्रकाश, हनुमान कन्नौजिया,जिला पंचायत सदस्य मुकेश उर्फ मन्ने यादव, राम मिलन मौर्य, मंगल मौर्य, चद्रशेखर मौर्य, राम प्रताप मौर्य, दिनेश मौर्य, बृजेश निषाद सहित तमाम लोग मौजूद रहे ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.