यूं बढ़-घट रहा है गेहूं का उत्पादन !
संतकबीर नगर: पहले की तुलना में खेती के संसाधन बढ़े है। विशेषज्ञ गोष्ठियों में पुरानी विधि के बजाय वै
संतकबीर नगर: पहले की तुलना में खेती के संसाधन बढ़े है। विशेषज्ञ गोष्ठियों में पुरानी विधि के बजाय वैज्ञानिक विधि से खेती करने के लिए किसानों को प्रेरित कर रहे हैं। किसान पाठशाला आयोजित कर किसानों की सोच में बदलाव लाने का प्रयास किया जा रहा है। बढ़ती आबादी के बीच हर व्यक्ति को दो वक्त का भोजन देने के लिए उतनी मात्रा में अनाज उत्पादन की चुनौती बढ़ती जा रही है। कृषि उपकरण के अलावा खाद, बीज पर सब्सिडी देने के बाद भी खेती की लागत बढ़ती जा रही है। लागत की तुलना में काफी कम किसान ही अच्छा मुनाफा निकाल पाते हैं। इन सबके बीच गेहूं का उत्पादन बढ़-घट रहा है।
सत्रवार रबी के आंकड़ों पर नजर डालने पर पाएंगे कि गेहूं की खेती 2014-15 में 90,522 हेक्टेयर, 2015-16 में 90,896 हेक्टेयर में, 2016-17 में 91,776 हेक्टेयर, 2017-18 में 90,569 हेक्टेयर में गेहूं की खेती की गई थीं। वहीं इस साल 92,101 हेक्टेयर में गेहूं की खेती की गई है, इतने क्षेत्रफल में 2,95,601 मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य है। सेमरियावां ब्लाक के ग्राम उमिला के प्रगतिशील किसान सुरेंद्र राय का कहना है कि पहले की तुलना में डीजल काफी महंगा हो गया है, मजदूरी दर अधिक हो गई है, खेत की जोताई का खर्च भी बढ़ गया है। मौसम ने साथ दिया तो ठीक वर्ना पैदावार प्रभावित होता है। रोग लगने पर दवा छिड़कने के बाद भी पैदावार पर असर पड़ता है। फसल तैयार हो जाने पर गेहूं की कीमत यकायक बाजार में काफी कम हो जाती है। जिन किसानों के पास भंडारण की सुविधा है,वे ही गेहूं को कुछ माह रखकर अच्छी कीमत प्राप्त कर सकते हैं। वहीं जिनके पास यह सुविधा नहीं वे औने-पौने भाव में बेचने को विवश होते हैं। इन परिस्थितियों में लागत निकाल लेना ही बहुत बड़ी बात है।
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इस साल इतने क्षेत्रफल में रबी की खेती
-गेहूं की खेती-92,101 हेक्टेयर
-राई/सरसों की खेती-2,769 हेक्टेयर
-आलू की खेती-1908 हेक्टेयर
-जनपद में कृषि योग्य भूमि-1,21,266 हेक्टेयर
-जिले में किसानों की संख्या-लगभग ढ़ाई लाख
-जिले की आबादी-लगभग 18 लाख
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सत्रवार इतना बढ़ा-घटा उत्पादन
फसल : 2014-15: 2015-16: 2016-17: 2017-18
गेहूं :224.040 : 231.058: 309.944 : 290.274
जौ : 0.556 : 0.832 : 1.244 : 1.323
मक्का : 0.000 : 0.092 : 0.000 : 0.027
(नोट-सत्रवार गेहूं, जौ व मक्का का उत्पादन हजार मीट्रिक टन में है।)
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गेहूं खेत की जोताई, बोवाई, ¨सचाई सहित अन्य मद में प्रति हेक्टेयर 45,800 रुपये लागत आती है। गोष्ठी में विशेषज्ञ किसानों को वैज्ञानिक विधि से खेती करने के लिए प्रेरित करते हैं। किसान पाठशाला आयोजित कर इन्हें उन्नत खेती के प्रत्येक ¨बदु से अवगत कराया जाता है।
पीसी विश्वकर्मा
जिला कृषि अधिकारी-संतकबीरनगर
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