शिकायत के बाद भी नहीं बदले गए तार व पोल
विभागीय लापरवाही के चलते धनघटा क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था बदहाल है। करीब 55 वर्ष पुराने विद्युत तारों के सहारे धनघटा क्षेत्र के दर्जनों गांवों में विद्युत आपूर्ति की जा रही है। पांच दशक पूर्व लगे विद्युत तारों को न बदले जाने का खामियाजा क्षेत्र के उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है।
संतकबीर नगर: विभागीय लापरवाही के चलते धनघटा क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति व्यवस्था बदहाल है। करीब 55 वर्ष पुराने विद्युत तारों के सहारे धनघटा क्षेत्र के दर्जनों गांवों में विद्युत आपूर्ति की जा रही है। पांच दशक पूर्व लगे विद्युत तारों को न बदले जाने का खामियाजा क्षेत्र के उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। विद्युत उपकेंद्र मुखलिसपुर में वर्ष 1963 में धनघटा फीडर पर बिजली की आपूर्ति की जा रही है। उस समय मात्र पांच एंपीयर बिजली का भार तारों पर पड़ता था। धनघटा क्षेत्र में बिजली की सुविधा के लिए खीचे गए विद्युत तारों को आज तक बदलने की जहमत विभाग नहीं उठाया। दूसरी आरे विभागीय आंकड़ों के अनुसार धनघटा फीडर के विद्युत तारों पर 160 से लेकर 165 एंपीयर तक का विद्युत भार रोजाना पड़ता है। जिसके कारण आए दिन तारों पर भार अधिक पडने के कारण टूटते रहते है। चार माह पूर्व विद्युत तार टूटने से एक एएनएम की सुभावती देवी की मौत जहां हो गई थी वही बभनौली कोडरा बाग में एक मासूम की बिजली की तार के चपेट में आने से मौत हो गई थी।