चपरा में 10 वर्ष से शुद्ध जल के इंतजार में ग्रामीण
धनघटा तहसील क्षेत्र के चपरा पूर्वी में ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए वर्ष 2010
धनघटा: तहसील क्षेत्र के चपरा पूर्वी में ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए वर्ष 2010 -11 में 128.69 लाख की लागत से ओवरहेड टैंक का निर्माण कराया गया। गांव में पाइप लाइन भी बिछाई गई, लेकिन कार्य गुणवत्ता विहीन होने के कारण पानी की आपूर्ति शुरू होते ही जगह-जगह पाइप फट गई। ठीकेदार और विभागीय अधिकारी चंद दिन में ही सब कुछ ठीक करने का दावा करके वहां से निकल लिए। 10 वर्ष बाद भी गांव वाले टोटी से पानी मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
टंकी के निर्माण के समय ग्रामीणों को लगा कि पेयजल संकट दूर हो जाएगा, लेकिन उनके अरमानों पर पानी उस समय फिर गया जब पाइप लाइन टंकी से आपूर्ति शुरू होते ही जगह-जगह फट गई। आपूर्ति शुरू कराने की मांग को लेकर कई बार गांव के लोग तहसील मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं। जनप्रतिनिधियों से भी टंकी के नाम पर हुए भ्रष्टाचार की शिकायत की। जब कहीं से कोई मदद नहीं मिली तो थकहार कर गांव के लोग चुप हो गए।
-- कहते हैं ग्रामीण
गांव के राम सिंह कहते हैं कि उनका गांव इंसेफ्लाइटिस प्रभावित है। 10 वर्ष पूर्व गांव के रामजियावन के बेटे की मौत जलजनित बीमारी से हो गई थी। उसके बाद शासन द्वारा ग्रामीणों को शुद्ध जल के लिए ओवरहेड टैंक का निर्माण शुरू कराया गया, लेकिन उसका लाभ किसी को नहीं मिला। राजकुमार यादव का कहना है कि कार्य गुणवत्ता पूर्ण कराया गया होता तो ग्रामीणों को शुद्ध जल मिल रहा होता। बृजेश कुमार ने कहा कि विभाग की लापरवाही का परिणाम जनता को भुगतना पड़ रहा है। दुर्गेश का कहना है कि जिस समय ओवरहेड टैंक बन रहा था ग्रामीण गुणवत्ता पूर्ण कार्य करवाने की मांग किए थे, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया, जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।
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शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। कुछ काम अधूरा है, उसे पूरा कराकर जल्द ही पानी की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी।
अजय उपाध्याय, सहायक अभियंता, जल निग