नगरीय क्षेत्र में शामिल गांवों में बढ़ सकती है बेकारी
फोटो एसकेटी-2 -मेंहदावल बेलहर बखिरा व खलीलाबाद नगर निकाय में शामिल हुए गांवों पर संकट -पंजीकृत मजदूरों को मनरेगा से नहीं मिल सकेगा कार्य नगरीय इकाई पर बढ़ेगा दबाव जागरण संवाददाता मेंहदावल
संत कबीरनगर : जिले में करीब बयासी हजार प्रवासी मजदूर वापस आ गए हैं। इसलिए यहां रोजगार की समस्या आनी तय है। इस बीच जिले में दो नगर पंचायतों का सृजन हुआ है। खलीलाबाद नगर पालिका व मेंहदावल नगर पंचायत का विस्तार होने से दर्जनों गांव शहरी हो गए हैं। ऐसे में यहां मनरेगा के तहत भी लोगों को काम नहीं मिलेगा, क्योंकि नगरीय इकाई में मनरेगा योजना प्रभावी नहीं होती है। जिला प्रशासन के साथ-साथ नगरीय प्रशासन भी आने वाले दिनों में बेरोजगारों की फौज से जूझेगा।
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कितने हैं मनरेगा जॉब कार्डधारक
जनपद में 2,77000 मनरेगा जॉब कार्डधारक पंजीकृत हैं। वर्तमान समय में करीब डेढ़ लाख जॉब कार्डधारक एक्टिव मजदूर की श्रेणी में आते हैं। जिसमें हैसर बाजार में 20000, खलीलाबाद में 15474, मेंहदावल में 16887, नाथनगर में 21693, सेमरियावां में 13718, बघौली में 15281, सांथा में 19842, पौली में 11560, बेलहर कला में 12221 जॉब कार्डधारक हैं।
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इन गांवों में अब नहीं होगा मनरेगा के तहत काम
मेंहदावल विकास खंड के तुलसीपुर धौरापार, गगनई राव, बसडीला, बीमापार, कांटी, भरवलिया पांडेय सहित 16 ग्राम पंचायतें मेंहदावल नगर पंचायत में शामिल हुई है। बघौली विकास खंड की 10 ग्राम पंचायत बखिरा नगर पंचायत में शामिल हुई है। बेलहर नगर पंचायत में बेलहर विकास खंड की 2 ग्राम पंचायत शामिल हुई हैं। इसी प्रकार खलीलाबाद नगरपालिका में 26 गांव भी जुड़ गए है। अब यहां पर जो कार्य पहले से अधूरे होंगे उनको ही पूरा करवाने का निर्देश है। नए कार्य स्वीकृत नहीं होने से दूसरे राज्यों से लौटे तथा स्थानीय स्तर पर मनरेगा में पंजीकृत मजदूरों के सामने रोजगार पाने की चुनौती खड़ी होगी।
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नगर निकायों पर बढ़ेगा रोजगार देने का दबाव
खलीलाबाद नगर पालिका, मेंहदावल, बखिरा, बेलहर नगर पंचायत पर अब अप्रवासी मजदूरों को रोजगार देने का दबाव बढ़ेगा। हालांकि नगरीय इकाई में मनरेगा योजना प्रभावी नहीं है लेकिन यहां पर जो विकास कार्य कराए जाते हैं ज्यादातर ठेके के मजदूरों के द्वारा कराए जाते हैं। अब नगर निकायों के सामने चुनौती होगी की प्रवासी मजदूर तथा मनरेगा में पंजीकृत मजदूरों को विकास कार्यों से सीधा जोड़ा जाय तथा उन्हें रोजगार मुहैया कराया जाय।
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जो ग्राम पंचायतें नगरीय इकाई में शामिल हुई हैं,वह क्षेत्र अब नगरीय विकास विभाग के अधीन होगा। इसलिए ग्रामीण विकास विभाग अब वहां पर कार्य नहीं करा सकेगा। हालांकि 30 जून तक ग्राम पंचायतों का कार्यकाल माना जा रहा है, लेकिन यहां पर नए कार्य स्वीकृत नहीं हो सकेंगे।
अतुल मिश्रा, मुख्य विकास अधिकारी
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