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नलकूप खराब, सिचाई के लिए परेशान हैं किसान

गेहूं की बोआई व सब्जी की खेती पर लग रहा ग्रहण

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 11:20 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 11:20 PM (IST)
नलकूप खराब, सिचाई के लिए परेशान हैं किसान

संतकबीर नगर: बेलहर विकास खंड के ग्राम पंचायत मठियापार के राजस्व गांव डिघवा में लगा नलकूप पिछले तीन महीने से खराब है। जिससे किसानों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। गेहूं की बोआई के साथ ही पहले बोआई वाले खेतों की सिचाई का समय चल रहा है। नलकूप खराब होने के कारण किसानों को निजी साधनों का प्रयोग करना पड़ रहा है।

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किसान सरबजीत, राधेश्याम लोधी, दयापति त्रिपाठी, विजयपाल, नेवास, रामअजोर आदि ने कहा कि गांव के किसान गेहूं के अलावा सब्जी की खेती करते हैं। यहां सब्जी की खेती व्यापक पैमाने पर की जाती है। नलकूप ठीक रहने से लोगों को सिचाई की सुविधा प्राप्त होती है। तीन माह से नलकूप खराब होने की जानकारी विभाग को दी गई थी। अभी तक इसकी मरम्मत नहीं की गई है। किसानों का कहना है कि अक्सर नलकूप खराब रहता है। मेंहदावल के उपजिलाधिकारी अजय कुमार त्रिपाठी ने बताया कि नलकूप खराब होने की जानकारी नहीं थी। अब जानकारी हुई है तो संबंधित विभाग के माध्यम से नलकूप की तत्काल मरम्मत करवाने का प्रयास किया जाएगा। इसमें लापरवाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति भी की जाएगी। नई तकनीकी से सिचाई करने से लाभ

संतकबीर नगर: आधुनिक पद्धति से खेती करना किसानों के लिए फायदेमंद है। इससे किसान का समय व पैसा दोनों बचता है। विकास खंड बेलहर कला क्षेत्र अंतर्गत पिपरा प्रथम के राजस्व गांव सरबसड़ाडी के किसान परशुराम यादव आधुनिक तकनीक से खेत की सिचाई करके लाभ प्राप्त कर रहे हैं।

किसान परशुराम यादव ने बताया कि स्प्रिंकलर सिचाई से पानी की बचत व खेत में पर्याप्त मात्रा में नमी बनी रहती है। हल्की सिचाई से पौधे भी हरे भरे बने रहते हैं। किसानों के लिए केंद्र सरकार कई योजनाएं चला रही है। इनमें से एक है प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना। किसानों की आय व फसलों की पैदावार को बढ़ाने के लिए यह स्कीम शुरू की गई है। इस योजना के माध्यम से ड्रिप सिचाई, स्प्रिंकलर सिचाई आदि को बढ़ावा दिया जा रहा है। सिचाई के इन तरीकों से पानी को बचाने की कोशिश की जा रही है।

क्या है स्प्रिंकलर सिचाई

स्प्रिंकलर सिचाई पद्धति बरसात की बौछार का अहसास देने वाली सिचाई पद्धति है। इसमें पानी को प्रेशर के साथ पाइप के जाल द्वारा फैलाकर स्प्रिंकलर के नाजिल तक पहुंचाया जाता है। जहां से यह एक समान वर्षा की बौछारों के रूप में जमीन में फैलता है। पंप सेट में लगाकर भी इसे संचालित किया जा सकता है।


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