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सब्जी मंडी से बाहर लाल हो रहा टमाटर

जबकि शहर और देहात में रहने वाले लोग इसकी महंगाई से परेशान हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 11:32 PM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 11:32 PM (IST)
सब्जी मंडी से बाहर लाल हो रहा टमाटर

संतकबीर नगर : थोक में 44 रुपये में मिलने वाला टमाटर फुटकर में 80 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रहा है। सब्जी कारोबारी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। जबकि शहर और देहात में रहने वाले लोग इसकी महंगाई से परेशान हैं। कीमत अधिक होने से विशेषकर गरीब तबके के लोग इसे खरीद नहीं पा रहे हैं। इसकी महंगाई ने सब्जी का स्वाद गड़बड़ा दिया है। महिलाएं इसके दर को लेकर परेशान हैं।

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गोरखपुर-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सरैया बाईपास के पास स्थित नवीन सब्जी मंडी और खलीलाबाद शहर के बैंक रोड की दूरी मात्र ढ़ाई किमी है। हैरत की बात यह है कि नवीन मंडी में थोक में 44 रुपये में मिलने वाला टमाटर बैंक रोड स्थित सब्जी की दुकानों पर 80 से 90 रुपये में बिक रहा है। यही दर खलीलाबाद शहर के मुखलिसपुर तिराहा स्थित पुरानी सब्जी मंडी, घोरखल, चंद्रशेखर तिराहा व अन्य स्थानों की है। थोक आढ़ती कृष्ण मोहन त्रिपाठी ने कहा कि नवीन सब्जी मंडी में हर दिन प्रदेश के गाजीपुर से देसी तथा महाराष्ट्र के नासिक से हाईब्रिड टमाटर लेकर एक-एक ट्रक आते हैं। चूंकि हाईब्रिड टमाटर अधिक दिन तक खराब नहीं होता, इसलिए इसका थोक मूल्य 44 रुपये प्रति किलो है। जबकि देसी टमाटर ज्यादा दिन तक टिकता नहीं है, इसलिए इसका थोक मूल्य 35 रुपये प्रति किलो है। सब्जी कारोबारी हाईब्रिड टमाटर खरीदने में रुचि दिखाते हैं। स्थानीय किसानों का कहना है कि कुछ माह पूर्व लगातार हुई बारिश से टमाटर की खेती पर बुरा असर पड़ा है। टमाटर की पौध खराब होने के कारण उसकी पैदावार न के बराबर हुई। इसकी वजह से स्थानीय बाजारों में टमाटर की कीमत अधिक है। क्या कहती है गृहणियां

लोहरौली बाजार निवासी गृहिणी मिदल देवी का कहना है कि टमाटर के बिना कोई सब्जी अच्छी बन नहीं पाती। टमाटर के दाम बढ़ने के कारण सब्जी में जरूरत से कम टमाटर प्रयोग किया जा रहा है। इससे सब्जी का जायका खराब हो रहा है। सुम्हा गांव निवासी संध्या देवी का कहना है कि टमाटर के दाम बढ़ने से घर के लोग टमाटर खरीदना ही बंद कर दिए। इससे सब्जी का मजा किरकिरा हो जा रहा है। जंगल दशहर गांव निवासी पुष्पा श्रीवास्तव का कहना है कि पिछले दो माह में उनके घर एक-दो बार ही टमाटर के दर्शन हुए हैं। छोंक लगाने से लेकर सब्जी में टमाटर की प्रमुख भूमिका है। महंगाई ने इसे रसोई कक्ष से दूर कर दिया है। लोहरौली बाजार निवासी आरती त्रिपाठी का कहना है कि टमाटर में इतनी तेजी कभी देखने को नहीं मिली। उन्होंने प्रशासन से टमाटर की कालाबाजारी के खिलाफ अभियान चलाने का अनुरोध किया है। टमाटर के दाम कम करने की मांग की है।


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