पक्के मकान का सपना रह गया अधूरा
पक्के मकान का सपना लिए संतराम हमेशा के लिए इस दुनिया से रुखसत हो गया। एक सड़क हादसे में बुधवार को जवान गंवा बैठा। मौत के बाद से घर पर मातम छाया हुआ है। संतराम की पत्नी गीता का रो रो कर बुरा हाल है।
संत कबीर नगर : पक्के मकान का सपना लिए संतराम हमेशा के लिए इस दुनिया से रुखसत हो गया। एक सड़क हादसे में बुधवार को जवान गंवा बैठा। मौत के बाद से घर पर मातम छाया हुआ है। संतराम की पत्नी गीता का रो रो कर बुरा हाल है।
संतराम की 4 बेटियां थी जिसमें 2 की शादी हो गई थी लेकिन अभी दो बेटियों की शादी होनी बाकी है। संतराम का इकलौता पुत्र उमेश हरियाणा में रहकर मजदूरी करता है। अब परिवार की जिम्मेदारी संतराम के बेटे पर आ पड़ी है। संतराम की पत्नी बताती है की गरीबी से पूरा जीवन संतराम का जूझते हुए कट गया। एक अदद पक्का मकान के लिए संबंधित अधिकारियों का संतराम चक्कर लगाते रहे। आवास की शर्त पूरा होने के बाद भी मात्र झूठा आश्वासन ही मिला। बारिश के महीने में पन्नी तान कर गुजारा नहीं हो पाता है लेकिन फिर भी सिस्टम हमको गरीब मानने को तैयार नहीं है।