थानाध्यक्ष बने बच्चे ने सुनी महिला की फरियाद
संतकबीर नगर एक दिन के लिए थानेदार बने 15 वर्षीय बालक ने महिला की फरियाद सुनी। मदद का आश्वासन दिया और पुलिसकर्मियों को तत्काल जांच के लिए रवाना कर दिया। कहा कि मामला पारिवारिक है इसलिए आरोपित को पकड़कर थाने लाइए।
संतकबीर नगर: साहब मेरे पति अक्सर मारते पीटते हैं। वह अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा शराब पर खर्च कर देते हैं। आज भी उन्होंने विरोध करने पर पीटकर घायल कर दिया है। कुर्सी पर बैठे चंद समय के थानाध्यक्ष ने पुलिसकर्मियों को तत्काल गांव में जाकर महिला के पति को थाने लाने का निर्देश दिया।खस बात रही कि उन्होंने हिदायत भी दी कि मामला पारिवारिक है इसमें दोनो पक्षों को सामने बैठाकर वार्ता को प्राथमिकता देने पर जोर दिया।
यह एक कार्यक्रम के दौरान का हाल है जिसमें बच्चे की प्रतिभा के सभी कायल हो गए। यह दृश्य अंतरराष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस पर बाल संवाद के अंतर्गत युवाओं में निर्णय क्षमता को बढ़ाने के लिए धनघटा थाने पर आयोजित कार्यक्रम में दिखा। दिन में 11 बजे कुरमौल निवासी 15 वर्षीय हरिओम पुत्र उदयभान को थानाध्यक्ष की भूमिका देकर थानेदार की कुर्सी पर बैठाया गया। इसी दौरान बरांव की एक महिला ने थानेदार बने बच्चे को अपनी समस्या सुनाई। बालक ने त्वरित निर्णय लिया और पुलिसकर्मियों को मौकेपर जाने का निर्देश दिया तो थानाध्यक्ष धनघटा रविद्र कुमार गौतम भी अवाक रह गए। पुलिसकर्मियों को बताया कि मामला पारिवारिक होने के कारण मौके पर कोई कार्रवाई न करें और आरोपित को पकड़कर थाने पर लाएं। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही अक्षम्य होगी। शाम पांच बजे तक इस बालक ने थानाध्यक्ष की भूमिका का निर्वाह किया। यह अलग बात रही कि गंभीर मामलों में पुलिस ने अलग से औपचारिक कार्रवाई की।मौके पर उपनिरीक्षक रमेश यादव,हेड कांस्टेबल रामसरीक यादव, छात्र सत्यम,हरिकेश समेत अनेक लोग मौजूद रहे।