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परफार्मेंस ग्रांट पाने के लिए मिला एक और मौका

संतकबीर नगर: पंचायतीराज मंत्रालय भारत सरकार ने वित्तीय सत्र 2017-18 के लिए परफार्मेंस ग्रांट के लिए

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Aug 2018 11:52 PM (IST)Updated: Tue, 14 Aug 2018 11:52 PM (IST)
परफार्मेंस ग्रांट पाने के लिए मिला एक और मौका
परफार्मेंस ग्रांट पाने के लिए मिला एक और मौका

संतकबीर नगर: पंचायतीराज मंत्रालय भारत सरकार ने वित्तीय सत्र 2017-18 के लिए परफार्मेंस ग्रांट के लिए ग्राम पंचायतों से आवेदन प्राप्त करने का निर्णय लिया है। जनपद के प्रधानों को यह अनुदान पाने के लिए आवेदन करने का एक और मौका मिल गया है। इसके लिए प्रधान-सचिवों को पंचायतीराज विभाग के पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए सरकार ने मानक और शर्तें तय किए हैं, इसका अनुपालन करना होगा, तभी यह अनुदान ग्राम पंचायतों को प्राप्त होगा।

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14 वें वित्त आयोग की संस्तुतियों के तहत 90 फीसद धनराशि बेसिक ग्रांट के रुप में तथा 10 फीसद धनराशि परफार्मेंस ग्रांट के रुप में उपलब्ध कराई जाती है। परफार्मेंस ग्रांट पाने के लिए ग्राम पंचायतों को दो आधारभूत मानकों का पालन करना होता है, जैसे- ग्राम पंचायत को आडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करना आवश्यक है तथा पिछले वर्ष की तुलना में ग्राम पंचायतों में स्वयं के राजस्व प्राप्ति में वृद्धि करना भी अनिवार्य है, यह वृद्धि आडिट रिपोर्ट में होनी चाहिए। इसके अलावा भारत सरकार ने चार ऐसे भी मानक बनाएं हैं, जिसे पूरा करने पर ही ग्राम पंचायतों को अंक प्राप्ति के लिए पात्र माने जाएंगे, जैसे-ग्राम पंचायतों को उस वर्ष के संपरीक्षित लेख प्रस्तुत करने होंगे जो कि उस साल जिसमें कार्य निष्पादन अनुदान का दावा प्रस्तुत किया गया है, यह पिछले दो वित्तिय सत्रों से अधिक पुराना नहीं होना चाहिए। पूर्ववर्ती वर्ष की तुलना में स्वयं के श्रोतों से राजस्व में बढ़ोत्तरी दर्शानी होगी। इसके ग्राम पंचायत विकास योजना(जीपीडीपी)को पूरा करना व प्लान प्लस पोर्टल पर अपलोड करना तथा कार्य निष्पादन का दावा किए जाने वाले वर्ष के पूर्व सत्र 2016-17 का 14 वें वित्त आयोग का अनुदान का कार्यभार पंचायतीराज मंत्रालय के वेबसाइट पर दर्शाना आवश्यक है। बताते चलें कि वित्तीय सत्र 2015-16 में परफार्मेंस के आधार पर जनपद के 283 ग्राम पंचायतों को वित्तीय सत्र 2016-17 में 85.27 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। निदेशक-पंचायतीराज शासन ने इस धनराशि के निकालने पर जुलाई-2017 में रोक लगा दी थी। डीपीआरओ आलोक कुमार प्रियदर्शी ने यह जानकारी दी है।

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