बस्ती कोषागार में जमा जीपीएफ का धन वापस कराने में सुस्ती
माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के भविष्य निधि (जीपीएफ) का धन बस्ती में जमा होने का मामला गंभीर बना हुआ है। पूर्व में जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद संयुक्त शिक्षा निदेशक ने इसे गंभीरता से लेकर सभी सहायता प्राप्त विद्यालयों से शिक्षकों का विवरण मांगा। करीब 20 दिन प्रक्रिया पूरी करके सूचना भेजी गई।
संतकबीर नगर : माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के भविष्य निधि (जीपीएफ) का धन बस्ती में जमा होने का मामला गंभीर बना हुआ है। पूर्व में जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद संयुक्त शिक्षा निदेशक ने इसे गंभीरता से लेकर सभी सहायता प्राप्त विद्यालयों से शिक्षकों का विवरण मांगा। करीब 20 दिन प्रक्रिया पूरी करके सूचना भेजी गई। अभी भी जनपद सृजन से पूर्व जमा पूरी धनराशि वापस नहीं मिल सका है। ऐसे में अब आगे सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों का भुगतान फंस सकता है।
बस्ती जिले से अलग होकर सिद्धार्थनगर और संतकबीर नगर जिले का सृजन होने के बाद भी जिला कोषागार की स्थापना के बाद भी 43 करोड़ 24 लाख रुपये बस्ती कोषागार में जमा हुई। मामले को लेकर जागरण में 20 मई 2018 के अंक में प्रमुखता से खबर प्रकाशित हुई। अधिकारियों ने इसे गंभीरता से लेते हुए जेडी कार्यालय में मंथन किया। सभी 34 सहायता प्राप्त विद्यालयों से फार्म छह का विवरण लिया। इसमें पूर्व 28 बस्ती जनपद व छह सिद्धार्थनगर जनपद में शामिल विद्यालयों का महज पांच करोड़ ही वापस मिला है।
डीआइओएस गिरीश कुमार सिंह ने कहाकि शिक्षकों के भविष्य निधि का धन बस्ती जिले के कोषागार से जमा हुआ था। वर्ष 1997 तक भविष्य निधि की कटौती की राशि कोषागार में स्थानांतरित करवाने के लिए पत्र भेजा गया। सभी 34 सहायता प्राप्त विद्यालय से प्रारूप छह पर लेकर उसका सत्यापन करके भेजा गया। कोषागार में कुछ धनराशि प्राप्त हुई है।