2.60 करोड़ रुपये खर्च पर 56 ग्राम पंचायतों की चुप्पी
विकास के नाम पर 2.60 करोड़ रुपये खर्च करने वाली 56 ग्राम पंचायतों ने हिसाब देने के नाम पर चुप्पी साध ली है। धन के बंदरबांट का सवाल खड़ा हो गया है तो विकास की सूरत बिगड़ने की आशंका भी। पिछले वित्तीय सत्र में सड़क नाली आदि विकास कार्यो के लिए राज्य वित्त व 14 वें वित्त से धन मिला। जनपद के 794 में से 56 ग्राम पंचायतों ने कराए गए विकास कायरें पर खर्च धन का न तो ब्योरा दिया और न ही उपभोग प्रमाण पत्र जमा किए।
संतकबीर नगर: विकास के नाम पर 2.60 करोड़ रुपये खर्च करने वाली 56 ग्राम पंचायतों ने हिसाब देने के नाम पर चुप्पी साध ली है। धन के बंदरबांट का सवाल खड़ा हो गया है तो विकास की सूरत बिगड़ने की आशंका भी।
पिछले वित्तीय सत्र में सड़क, नाली आदि विकास कार्यो के लिए राज्य वित्त व 14 वें वित्त से धन मिला। जनपद के 794 में से 56 ग्राम पंचायतों ने कराए गए विकास कायरें पर खर्च धन का न तो ब्योरा दिया और न ही उपभोग प्रमाण पत्र जमा किए। डीएम, सीडीओ, डीपीआरओ के कार्रवाई की चेतावनी का भी कोई असर नहीं पड़ा। यह कयास लगाया जा रहा है कि कहीं ग्राम प्रधान-सचिव ने मिलकर धन का बंदरबांट तो नहीं कर लिया। विकास कार्य केवल कागजों में ही दौड़कर दम तो नहीं तोड़ दिया।
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खलीलाबाद के सर्वाधिक 44 ग्राम पंचायतें : खलीलाबाद विकास खंड के 44, बघौली के सात, बेलहरकला व नाथनगर के दो-दो तथा हैंसर बाजार के ग्राम पंचायतें इसमें शामिल हैं।
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सचिवों ने जल्द उपभोग प्रमाण पत्र जमा नहीं किया तो इनके खिलाफ वेतन रोकने, निलंबित करने सहित अन्य कार्रवाई की जा सकती है।
आलोक प्रियदर्शी-डीपीआरओ