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Santkabir Nagar News: हैंसर ब्लाक प्रमुख के विरुद्ध आया अविश्वास, 72 सदस्य खिलाफ रहे तो 13 पक्ष में

संतकबीनगर जिल के हैंसर ब्लाक प्रमुख के खिलाफ अनिश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान 99 में से 95 क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने भाग लिया। इस हौरान दस मत अवैध घोषित हुए। वहीं प्रमुख के खिलाफ 72 सदस्य रहे तो उनके पक्ष में मात्र 13 लोग खड़े हुए।

By Raj Narayan MishraEdited By: Pragati ChandPublished: Fri, 30 Sep 2022 05:36 PM (IST)Updated: Fri, 30 Sep 2022 05:36 PM (IST)
Santkabir Nagar News: हैंसर ब्लाक प्रमुख के विरुद्ध आया अविश्वास, 72 सदस्य खिलाफ रहे तो 13 पक्ष में
हैंसर ब्लाक प्रमुख के विरुद्ध आया अविश्वास। -जागरण

संतकबीर नगर, जागरण संवाददाता। जनपद के हैंसर ब्लाक प्रमुख के खिलाफ शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान हुआ। प्रमुख के पक्ष में मात्र 13 क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) खड़े मिले। उनके विरोध में 72 सदस्यों ने मतदान किया। दस मत अवैध घोषित हुए। चार बीडीसी बाहर रहने के चलते मतदान में हिस्सा नहीं ले पाए। सुबह से लेकर शाम तक चले इस कार्यक्रम में पूरा प्रशासन सक्रिय रहा।

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यह है पूरा मामला

हैंसर ब्लाक प्रमुख जयंतीरा देवी के खिलाफ धनघटा के विधायक गणेश चंद्र चौहान की पत्नी कालिंदी देवी ने मोर्चा खोला था। 22 अगस्त को 76 बीडीसी के साथ तत्कालीन जिलाधिकारी दिव्या मित्तल के सामने परेड करवाया था। सदस्यों ने शपथ पत्र देकर ब्लाक प्रमुख को हटाने की मांग की थी। उन पर आरोप था कि वह मात्र रबर स्टैंप हैं। सब काम पूर्व प्रमुख प्रिंस अगम सिंह देखते हैं। वह आए दिन सदस्यों को धमकी देते हैं और बेइज्जत करते हैं। तब

पहले आठ सितंबर को अविश्वास कराने का पड़ा था दिन

जिलाधिकारी ने अविश्वास कराने के लिए आठ सितंबर का दिन मुकर्रर किया। लेकिन बाद में प्रशासन तय तिथि को मतदान न कराते हुए अनिश्चित काल के लिए मामला टाल दिया। इसके खिलाफ कालिंदी देवी इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गईं। कोर्ट ने प्रशासन को आदेश दिया कि जल्द से जल्द मतदान कराने की तिथि तय कर उसे बताया जाए। तब जिलाधिकारी ने 30 सितंबर को मतदान कराने का शपथ पत्र कोर्ट को दिया। इसी बीच जिलाधिकारी स्थानांतरण हो गया।

सुबह से ही रही गहमा-गहमी

मतदान और चर्चा को लेकर सुबह से ही गहमा-गहमी थी। प्रशासन ने ब्लाक परिसर के पांच सौ मीटर परिधि के क्षेत्र को किले में तब्दिल कर दिया था। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा परिसर में किसी का भी प्रवेश वर्जित था। सिर्फ बीडीसी को ही अंदर जाने की इजाजत थी। सबसे पहले कालिंदी देवी के पक्ष में बीडीसी अंदर प्रवेश किए। बाद में जयंतीरा देवी के समर्थक सदस्य अंदर पहुंचे और कार्यक्रम शुरू हुआ। सुबह से शुरू हुआ मतदान का कार्यक्रम दिन में करीब चार बजे परिणाम आने के बाद खत्म हुआ। प्रमुख के पक्ष में 13 बीडीसी और उनके खिलाफ 72 सदस्यों ने मतदान किया।


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