देश के सांस्कृतिक और साहित्यिक धरोहर हैं रंगपाल: सीडीओ
नगर पंचायत हरिहरपुर में गुरुवार को पाल सेवा संस्थान और माटी फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में कवि रंगपाल की जयंती मनाई गई । बतौर मुख्य अतिथि सीडीओ डा. बब्बन उपाध्याय एवं विशिष्ट अतिथि डा. उदय प्रताप चतुर्वेदी ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
संत कबीरनगर: नगर पंचायत हरिहरपुर में गुरुवार को पाल सेवा संस्थान और माटी फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में कवि रंगपाल की जयंती मनाई गई । बतौर मुख्य अतिथि सीडीओ डा. बब्बन उपाध्याय एवं विशिष्ट अतिथि डा. उदय प्रताप चतुर्वेदी ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
सीडीओ ने संबोधित करते हुए कहा कि कवि रंगपाल देश के साहित्यिक एवं सांस्कृतिक धरोहर हैं। अपनी धरोहर को सृजित करना हम सबकी जिम्मेदारी है। हमें अपनी साहित्यिक धरोहरों को बचाए रखना चाहिए। आज के परिवेश में विलुप्त हो रही लोक गीतों और उनके रचनाकारों को जीवंत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कवि रंगपाल की रचनाओं और उनके विरासतों को सहेजना जरूरी है। विशिष्ट अतिथि सूर्या इंटरनेशनल एकेडमी निदेशक डा. उदय ने कहा कि कवि रंगपाल साहित्य और संस्कृति की मूल संवेदना के प्रतीक हैं। अपनी रचनाओं से उन्होने न केवल भारतीय संस्कृति को विदेशों में प्रचारित और प्रसारित किया। पशुओं की संवेदना को भी बडी संजीदगी के साथ उकेरा है। कवि रंगपाल की विरासतों को सहेजने के लिए वे अपना शत् प्रतिशत योगदान देंगे। जिससे जिले की लोक संस्कृति आगे बढ़ सके। ब्लाक प्रमुख दिगपाल पाल ने कहा कि कवि के सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजना हमारी जिम्मेदारी है। कवि रंगपाल पर शोध कर रहे डा. सुधांशु ने लोगों से अपील की कि कवि की गुम हो चुकी रचनाएं कहीं भी मिले उन्हे पाल सेवा संस्थान को उपलब्ध कराएं। अध्यक्षता सेवानिवृत शिक्षक रामभरोस पांडेय ने कवि के राष्ट्रप्रेम और पशु पक्षियों के प्रति संवेदना पर प्रकाश डाला। फाउंडेशन के अध्यक्ष राजेश पाल ने कहा कि विलुप्त होती लोक परंपराओं को सहेजने की जरूरत है। पाल सेवा संस्थान के अध्यक्ष बृजेश पाल ने कवि रंगनारायण पाल जुदेव वर्मा विरेश के फाग से संदेश दिया। संचालन धीरज पांडेय ने किया।
इस मौके पर महंत दुर्गा दास, आरबी सिंह, एडवोकेट देवेश पाल, सुभाष त्रिपाठी,राघवेंद्र चतुर्वेदी, विजय ठाकुर, आदित्य पांडेय, भगवान दास गुप्ता, जुग्गीलाल, मिश्रीलाल, रामप्रसाद पांडेय, नरेंद्र पांडेय, उमेश पाल, राममिलन चतुर्वेदी, अवनीश लाल, हनुमान पटेल, पवन हिदू आदि मौजूद रहे।