आस्था का केंद्र है श्रीरामजानकी मंदिर
खलीलाबाद श्रीरामजानकी मंदिर संतकबीर नगर : श्रीराम जानकी मंदिर खलीलाबाद -गोरखपुर व बस्ती के मध्य म
खलीलाबाद श्रीरामजानकी मंदिर
संतकबीर नगर : श्रीराम जानकी मंदिर खलीलाबाद -गोरखपुर व बस्ती के मध्य में स्थित है। समय माता मंदिर के निकट कोतवाली रोड पर स्थित मंदिर की मान्यता है कि यहां आने से रोम-रोम में मर्यादित आचरण का संचार होता है। मंदिर पर नवरात्र में पूजन-अर्चन प्रभू का जन्मोत्सव आदि कार्यक्रम विधिविधान से किए जाते हैं। जिसमें अनेक भक्त सहभागी बनते है।
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इतिहास
- श्रीराम जानकी मंदिर खलीलाबाद का कोई प्रमाण नहीं मिलता है। यह स्थान प्रभु के स्तुति के लिए विख्यात है। यहां प्रतिदिन दर्शन को भक्त जुटते हैं। वासंतिक व शारदीय नवरात्र में यहां दूर -दराज के भक्तों का जमावड़ा होता है। समय माता मंदिर आने वाले भक्त यहां दर्शन के बाद भी आराधना पूरी करते हैं। स्थान से संबद्ध आधा दर्जन से अधिक अन्य मंदिर व स्थान हैं। 1940 में महंत रामसेवक दास ने स्थान पर पूजन-अर्चन व दूर दराज के भक्तों की आस्था को देखते हुए मंदिर का स्वरूप दिया। उसके बाद महंत रामभरोसे दास ने मंदिर को विस्तार देकर धर्मशाला, गुंबद आदि का निर्माण कराया। इनके बाद 1989 में महंत श्रीकृष्णमुरारी दास ने यहां इक्कीस कक्षों का निर्माण कराते हुए धर्मशाला व यात्री निवास का निर्माण करते हुए सुंदरीकरण कराकर भव्यता दी गई।
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विशेषता
- ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त मंदिर में आकर प्रभु के चरणों में शीश झुकाता है उसे अपार शांति का अनभुव होता है। इस मंदिर में स्थापित मूर्ति को देखकर ऐसा आभास होता है जैसे किसी विशेष समय श्रीराम, मां जानकी, लखनजी व संकटमोचन हनुमान विराजमान हैं। मंदिर के ठीक सामने एक कुंआ भी है। प्रसाद वितरण के समय कभी-कभी तो ये बंदर दर्शनार्थियों के पास आकर उनसे प्रसाद भी ले लेते हैं। अनेकों आस्थावना नियमित तो विशेष अवसरों पर मंदिर में दर्शन करने पहुंचते हैं।
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ऐसे पहुंचे
- गोरखपुर-लखनऊ राजमार्ग पर खलीलाबाद बाईपास से एक किमी की दूरी पर समय माता मंदिर के पास मंदिर है। खलीलाबाद रेलवे स्टेशन से दो किमी पूरब रामजानकी मंदिर है। यहां आने व जाने के लिए हर समय साधन सुलभ रहते है।
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सभी पर होती है प्रभु की कृपा
मंदिर में स्थानीय व दूर दराज के श्रद्धालु आकर आशीर्वाद लेते हैं। पास में शिव मंदिर भी है। मंदिर पर साफ-सफाई की व्यवस्था बनाई गई है। मंदिर में अतिथिगृह भी है जिसमें मंदिर में होने वाले तमाम सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने आने वाले भक्त विश्राम करते हैं।
- महंत श्रीकृष्ण मुरारी दास
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मंदिर में वर्षों से आ रही हूं। घर के पास मंदिर होने से पहुंचने में सरलता रहती है। कहीं जाना होता
बिना दर्शन के आगे नहीं बढ़ती। यहां ठहरने पर मन को शांति मिलती है। परिवार के अन्य सदस्यों को भी दर्शन के लिए यहां लेकर आते रहते हैं।
- सुशीला - भक्त
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