एकादशी पर सुख, समृद्धि की प्रार्थना
संतकबीर नगर : देवोत्थान एकादशी पर श्रद्धालुओं ने सोमवार को व्रत रख कर श्रद्धापूर्वक भगवान श्रीहरिनार
संतकबीर नगर : देवोत्थान एकादशी पर श्रद्धालुओं ने सोमवार को व्रत रख कर श्रद्धापूर्वक भगवान श्रीहरिनारायण विष्णु की पूजा-अर्चना की। भगवान से धन, वैभव, यश कीर्ति में वृद्धि की कामना की। घरों में दीप जलाए गए। आंगन में चावल की रंगोली सजाकर उसमें गन्ना, ¨सघाड़ा, गंजी आदि रखकर भगवान का आह्वान कर घर में व्याप्त दरिद्रता को दूर करने की प्रार्थना की। पुरुषों ने थाल सजाकर उसमें दही, अच्छत, गुड़, दूब, ¨सदूर, हल्दी, जल, नैवेद्य आदि रखकर गन्ने के खेत में जाकर मूठ के किनारे जाकर पांच गन्ने को एक सूत्र में बांधकर पूजन किया। गन्ने की फसल को काटकर उत्पादन के साथ सुख, समृद्धि व मंगल की कामना की।
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देवोत्थान एकादशी पर श्रीहरि के गुणगान के साथ रात्रि जागरण भी किया गया। परंपरा के अनुसार महिलाओं ने रात में गन्ने की डंठल से सूपा पीटकर पूरे घर डुगडुगी बजाकर दरिद्रनाथ को बेघर किया और श्रीहरि विष्णु का आह्वान किया। पर्व पर वर्षों से गन्ने की गांठ फोड़ने की परंपरा का लोगों ने निर्वहन किया।
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झूम कर हुई गन्ना, ¨सघाड़ा, गंजी की खरीदारी
आस्थावानों ने पर्व के मद्देनजर जिला मुख्यालय समेत जनपद के विभिन्न बाजारों में सजी दुकानों पर व्रत
में प्रयुक्त होने वाले सामान की खरीदारी की। सुबह से ही व्रत में प्रयुक्त होने वाली सामग्रियों
की खरीदारी शुरू हो गई। गन्ना, ¨सघाड़ा, गंजी, सुथनी आदि से बाजार पटे रहे। जहां दुकानों पर दिन भर ग्राहकों की भीड़ रही।
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प्रारंभ हो गए शुभकर्म
प्रबोधनी एकादशी से शुभ कार्यों का श्रीगणेश हो गया। आचार्यों के अनुसार सात्विकता से व्रत मानव यश व पुण्य का भागी बनता है। देवात्थान एकादशी का व्रत रहने से वर्ष भर के एकादशी का फल प्राप्त होता है।
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