खामोश रहे अधिकारी, उपभोक्ता हुए कर्जदार
चार साल पहले बिजली बिल का 16 लाख रुपये लेकर फरार हो गई एजेंसी -न तो गबन का केस दर्ज हुआ और न ही वसूली उपभोक्ताओं को बनाए बकाएदार
संत कबीरनगर : बिजली विभाग के कमियों की सजा दोषी अधिकारी, कर्मचारी व एजेंसी नहीं अपितु तमाम उपभोक्ता झेल रहे हैं। उदाहरण के रूप में इस मामले को ले सकते हैं। चार साल पहले विभाग में जमा करने के बजाय एक एजेंसी के संचालक उपभोक्ताओं का बिजली बिल का लाखों रुपये लेकर फरार हो गई। इस विभाग के अधिकारी दोषी एजेंसी संचालक के खिलाफ गबन का मुकदमा दर्ज करने के बजाय खामोश हैं। इससे हड़पी गई धनराशि की वसूली नहीं हो पाई। बिजली बिल का पैसा एजेंसी को देने वाले उपभोक्ताओं का बिल भुगतान का पैसा भी बकाए में नहीं घटाया गया। इन पर यह राशि बकाया दर्ज कर दी गई। उपभोक्ता सफाई देते रहे लेकिन अधिकारी इनकी कुछ नहीं सुने।
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गोरखपुर की है लाखों रुपये वसूलकर भागने वाली एजेंसी बिजली विभाग ने वर्ष 2014 में गोरखपुर की एक एजेंसी को बिल निकालने व बनाने और उपभोक्ताओं के बिल का पैसा जमा करने के लिए नामित किया था। महराजगंज के बृजमनगंज निवासी एक व्यक्ति इस एजेंसी का संचालक था। वर्ष 2016 में इस एजेंसी के संचालक ने अपने कर्मियों से लगभग 600 बिजली उपभोक्ताओं का बिजली बिल का लगभग 16 लाख रुपये वसूला। नियमानुसार इसे संबंधित खंड कार्यालय पर जमा किया जाना था लेकिन इस एजेंसी के संचालक 16 लाख रुपये लेकर फरार हो गए। इसके बाद से न तो ये दिखे और न ही इनके कर्मी। यह पैसा जमा न होने से इन उपभोक्ताओं की बकाया राशि नहीं घटी। ये पैसा देने के बाद भी कर्जदार बन गए।
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इन गांवों के उपभोक्ता हुए ठगी के शिकार
लगभग 600 जो उपभोक्ता ठगी के शिकार हुए, वे छितही, हरिहरपुर, विश्वनाथपुर, धनघटा सहित अन्य गांव के हैं। इन उपभोक्ताओं ने संबंधित खंड कार्यालय के एसडीओ से लेकर एक्सईएन से मिले। ये अधिकारी जब खामोश रहे तो इन्होंने तत्कालीन डीएम के पास भी प्रार्थनापत्र देकर वस्तुस्थिति से अवगत कराए। इसके बाद भी इस एजेंसी पर केस दर्ज नहीं हुआ। उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं मिली।
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पूर्व के एक्सईएन के कार्यकाल का यह मामला है। क्यों केस दर्ज नहीं हुआ और वसूली नहीं हुई, वे नहीं बता सकते। इस मामले के बारे में वे जानकारी लेकर उचित कार्रवाई अवश्य करेंगे।
आरके सिंह-एक्सईएन खलीलाबाद