बचाव के लिए जागरूकता के सिवाय और कुछ नहीं
कोरोना वायरस को लेकर आम जनमानस भयभीत है। स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी लाख दावा करें लेकिन धरातल की सचाई इसके विपरित है। शासन ने मास्क आदि के लिए दो लाख रुपये दिए हैं।
संत कबीरनगर: कोरोना वायरस को लेकर आम जनमानस भयभीत है। स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी लाख दावा करें लेकिन धरातल की सच्चाई इसके विपरित है। शासन ने मास्क आदि के लिए दो लाख रुपये दिए हैं। इसके बाद भी इनके पास मास्क सहित अन्य जरूरी संसाधनों का अभाव है। स्वास्थ्य विभाग कागजी खानापूर्ति में लगा हुआ है। दावे के मरहम से सच पर पर्दा डाला जा रहा है।
जिला संयुक्त चिकित्सालय में बना है आइसोलेशन वार्ड
जिला संयुक्त चिकित्सालय (डीसीएच) में चार बेड वाला आइसोलेनश वार्ड बनाया गया है। नौ वेंटीलेटर, पांच वीटीएम वायल, पीपीई किट होने का दावा किया जा रहा है। यहां के डाक्टर कहते हैं कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए कोई दवा अथवा टीका नहीं बना है। चूंकि स्वाइन फ्लू के लक्षण इससे मिलते-जुलते हैं। इसलिए स्वाइन फ्लू के मरीजों को दी जाने वाली'ओसेल्टामीवीर'सीरप व टेबलेट कोरोना वायरस से संक्रमित होने वालों को दी जाएगी।
अधिकतर सीएचसी में मास्क नहीं
कोरोना वायरस बोलने, खांसने पर एक से दूसरे व्यक्ति में पहुंच जाता है। इसकी चपेट में आने वाले व्यक्ति के श्वसन प्रणाली में संक्रमण हो जाता है। श्वसन प्रणाली के फेल हो जाने पर मौत हो जाती है। इसके बाद भी जनपद के अधिकतर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में मास्क नहीं है। सांथा प्रतिनिधि के अनुसार सीएचसी सांथा पर मास्क नहीं है। लोग इससे बचने के लिए मेडिकल स्टोर के अलावा अन्य दुकानों से 50 से 100 रुपये प्रति मास्क की दर पर खरीद रहे हैं। सीएचसी के अधीक्षक डा. एसके सिंह ने कहा कि मास्क के लिए जिले से लगातार संपर्क में हैं।
कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को ही मास्क देने का शासन का निर्देश है, बाकी को नहीं। इलाज करने वाले डाक्टर, स्टाफ नर्स को एन-95 व गाउन दिया जाना है। जिला संयुक्त चिकित्सालय में इन सबके अलावा दवा भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
डा. वाईपी सिंह-सीएमएस
जिला संयुक्त चिकित्सालय