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पांच साल में आधे से अधिक घटा गन्ना रकबा

कांटे: क्षेत्र के भिउरा में गन्ना विकास संगोष्ठी हुई। यहां गन्ना किसानों को रकबा की जानकारी देकर अधि

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 11:06 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 11:06 PM (IST)
पांच साल में आधे से अधिक घटा गन्ना रकबा

कांटे: क्षेत्र के भिउरा में गन्ना विकास संगोष्ठी हुई। यहां गन्ना किसानों को रकबा की जानकारी देकर अधिक आय प्राप्त करने का उपाय सुझाया गया है। साथ ही खलीलाबाद शुगर मिल बंद होने के बाद गन्ना रकबा घटने पर ¨चता भी जताई है।

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संगोष्ठी में गन्ना शोध संस्थान सेवरही से आए वैज्ञानिकों ने जानकारी दी। रकबा बढ़ाने के लिए गन्ना विभाग उच्च किस्म के बीज तथा अनुदान पर रसायन,उर्वरक और कृषि यंत्र उपलब्ध करा रहा है। इसका लाभ उठाकर नवंबर माह मे गन्ना के साथ लहसुन की मिश्रित खेती कर दो लाख रूपए प्रति एकड़ की आमदनी कर सकते हैं।

सहायक निदेशक ओम प्रकाश गुप्त ने बताया कि 2013-14 में खलीलाबाद परिक्षेत्र में पांच हजार हेक्टेअर में गन्ने की खेती थी। मिल बंद होने के बाद यह आंकडा लगातार घटा और वर्तमान पेराई सत्र 2018-19 में गन्ना रकबा मात्र 2,324 हेक्टेअर हो गया है। पूर्व संयुक्त निदेशक केएस श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए कहा कि को.शा.8279,को.शा. 8272,को 118,0238 के साथ नवंबर माह मे किसान लहसुन की बुआई भी की जा सकती है। अध्यक्षता प्रगतिशील किसान विसुनदेव व संचालन ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक आशुतोष मधुकर ने किया।

इस मौके पर ब्रह्मदेव, त्रिभुवन, गन्ना पर्यवेक्षक अर¨वद ¨सह सहित किसान मौजूद रहे।

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